सोमवार सुबह डूबे पांच युवकों की तलाश जारी
प्रयागराज (राजेश सिंह)। संगम नगरी में रविवार शाम बड़ा हादसा हो गया। हादसे में बचाए गए लोग थर-थर कांपते रहे और मौत छूकर निकली तो घंटों पानी निहारते रहे। संगम में नौ लोगों के डूबने के बाद चीखपुकार मच गई। लोगों को बहता देख घाट पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया तो अफरातफरी मच गई। जल पुलिस के जवान जिन चार लोगाें को बचाकर ले आए, वह खौफ से थर-थर कांपते नजर आए। कुछ देर बाद हालत सामान्य हुई तो भी वह कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं दिखाई दिए। घंटों तलाश करने के बाद भी पांच लोगों का पता नहीं चलने के बाद वापस लौटे जल पुलिस के जवानों ने भयानक मंजर को बयां किया। एक जवान ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग नहा रहे थे। अचानक मौसम ने करवट ली और हवाएं चलना शुरू हुईं तो सीटी बजाकर सबको अलर्ट किया गया। कहा गया कि बाहर निकल जाएं। इस दौरान परिवार के साथ आए लोग तो बाहर आ गए लेकिन समूहों में दोस्तों संग स्नान रहे युवकों ने उनकी बात नजरअंदाज कर दी। देखते ही देखते हवाओं ने उग्र रूप धारण कर लिया और फिर जो हुआ, उसे बता पाना मुश्किल है। डीप वाटर बैरिकेडिंग उखड़ गईं और हवाएं इन्हें अपने साथ बहा ले गईं। उधर हवाओं के चलते लहरें बनीं और यह अपने साथ नौ लोगों को बहाने लगीं। इस पर उसने व उसके साथियों ने नदी में छलांग लगाकर चार लोगों को बचा लिया। लेकिन अन्य लोगों को नहीं बचाया जा सका। रात नौ बजे के करीब संगम घाट से लौटते हुए एक अन्य जल पुलिस के जवान ने भी घटना बयां की। बताया कि मौत मानो छूकर निकली थी और यही वजह थी कि हादसे में बचाकर बाहर निकाले लोग घटना के बाद थर-थर कांपते दिखे। घाट पर ले जाने के बावजूद वह करीब आधे घंटे तक कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। इनमें से कुछ उन छात्रों के साथी भी थे, जो डूबने से नहीं बचाए जा सके। उनसे जब डूबे साथियों के बारे में पूछा गया तो वह कुछ बोल ही नहीं पाए। बस एकटक पानी में निहारते रहे। हादसे के बाद जल पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें संगम से लेकर अरैल तक डूबे लोगों की तलाश में लगी रहीं। जल पुलिस प्रभारी कड़ेदीन यादव ने बताया कि हादसे के कुछ देर बाद ही जाल भी डलवा दिया गया। स्टीमर से अरैल तक तलाश की गई लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। सोमवार सुबह एक बार फिर से डूबे हुए पांच युवकों की तलाश की जा रही है।