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पुलिस के लिए चुनौती बनीं ये चार माफियाओं की पत्नियां, कानून के लंबे हाथ भी इन्हें पकड़़ने में नाकाम

SV News

लखनऊ (राजेश सिंह)। कहते हैं कि अपराधी ज्यादा दिनों तक पुलिस की पकड़ से नहीं बच सकता, लेकिन इसे उत्तर प्रदेश के चार माफियाओं की पत्नियों ने गलत साबित कर दिया है। इनमें से तीन माफियाओं की हत्या हो चुकी है और एक माफिया पिछले कई सालों से सलाखों के पीछे है। इन माफियाओं की पत्नियों पर मामले दर्ज हैं,लेकिन इनको पुलिस पकड़ नहीं पा रही हैं। इनको पकड़़ने के लिए पुलिस-प्रशासन ने स्पेशल टीम बना रखी हैं,लेकिन असफलता ही हाथ लग रही है।
इन चार पत्नियों में सबसे पहला नाम है कुख्यात माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन का। पुलिस की वांटेड लिस्ट में सबसे पहले और सबसे बड़ा नाम शाइस्ता का ही है। उमेश पाल हत्याकांड से पहले शाइस्ता प्रयागराज से बहुजन समाज पार्टी की मेयर पद की उम्मीदवार थी, लेकिन इस उमेश पाल हत्याकांड ने शाइस्ता का सबकुछ बदल कर रख दिया। शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरारी काट रही है, पुलिस शाइस्ता को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
पुलिस ने दावा किया कि शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड की मास्टरमाइंड थी और उसने शूटरों को पैसे दिए थे। हत्याकांड में शामिल शूटरों में से एक शाइस्ता के तीसरे बेटे असद की 13 अप्रैल को झांसी में एसटीएफ ने मार गिराया। इसके दो दिन बाद 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और उसका भाई माफिया अशरफ को तीन हमलावरों ने पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी थी।शाइस्ता के पति, बेटे और देवर को कसारी मसारी परिवार के कब्रिस्तान में एक दूसरे के पास दफनाया गया, लेकिन शाइस्ता उनके लिए शोक मनाने नहीं आई।
माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ कब्रिस्तान में अलर्ट पर थी कि शाइस्ता आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लगभग चार महीने हो गए हैं, लेकिन शाइस्ता परवीन का कोई सुराग नहीं है। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम भी है। पुलिस उसकी तलाश में देश के कई राज्यों और शहरों में छापे मार चुकी है, लेकिन उसे सिवाय निराशा के कुछ और हाथ नहीं लग रहा है।
पुलिस को चकमा देने वाली दूसरी महिला मारे गए माफिया अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा है।जैनब भी उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरारी काट रही है।पति अशरफ की हत्या हुई तब भी जैनब नहीं आई।जैनब उमेश पाल हत्याकांड में भी आरोपी है।जायदाद को लेकर शाइस्ता और जैनब के बीच अनबन की खबरें आ रही हैं।सूत्रों का यह भी दावा है कि दोनों एक साथ छिपी हुई हैं और आत्मसमर्पण करने के लिए सही समय का इंतजार कर रही हैं।
फरार पत्नियों में तीसरा नाम जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी का है।मुख्तार अंसारी के अलावा बेटे अब्बास अंसारी और बहु निकहत अंसारी जेल में हैं, जबकि मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी को भी हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। अफशा पर नौ मामले दर्ज किए गए हैं।इनमें से कुछ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हुए हैं। पुलिस अंसारी बंधुओं के हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है,लेकिन अफशा अंसारी पकड़ से बाहर है। 
पुलिस की लिस्ट में चौथा नाम माफिया संजीव महेश्वरी जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी का है।संजीव की 7 जून को लखनऊ जिला न्यायालय कोर्ट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पायल माहेश्वरी ने अपनी जान को खतरा होने का दावा करते हुए 8 जून को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।पायल को डर था कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और उसने कोर्ट में आग्रह किया कि वह अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल होना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने पायल की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और बाद में अपने पति के दाह संस्कार में शामिल नहीं हुईं।बता दें कि पायल पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
माफियाओं की फरार पत्नियों के मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कई टीम इनकी तलाश में सक्रिय हैं। इनकी गिरफ्तारी से कई मामलों में नई बातें सामने आना तय है। उन्होंने कहा कि अतीक, अशरफ और मुख्तार की पत्नियां बुर्का पहनकर चलती हैं और बुर्के में किसी भी महिला को पहचान पाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है, जिससे उन्हें खोजने में और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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