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संगमः लाडले हनुमत के द्वार पर पहुंची माता भागीरथी

 

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प्रयागराज (राजेश शुक्ला)। गंगा-यमुना के जलस्तर में उफान के बाद रविवार को कछारी इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। हरिहर गंगा आरती स्थल जलमग्न हो गया। इस वजह से शाम की गंगा आरती बांध की ढाल पर हुई।

गंगा-यमुना के जलस्तर में उफान के बाद रविवार को कछारी इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। हरिहर गंगा आरती स्थल जलमग्न हो गया। इस वजह से शाम की गंगा आरती बांध की ढाल पर हुई। जय त्रिवेणी जय प्रयाग की गंगा आरती हनुमान मंदिर चौराहे पर हुई। इसी के साथ गंगा ने लेटे हनुमान के द्वार पर दस्तक दे दी है। सिंचाई बाढ़ खंड की ओर से बक्शी बांध के स्लूज गेट को बंद कर दिया गया।

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शनिवार की आधी रात के बाद आए तेज उफान की वजह से महावीर मार्ग, अक्षयवट मार्ग की पटरियों पर अस्थायी दुकानें लगाने वालों को सामान हटाने का मौका तक नहीं मिला। सुबह सड़कों से आगे प्रवाह आने पर अफरातफरी मच गई। जलस्तर में तेज वृद्धि से सौ से अधिक पूजा-प्रसाद की दुकानें हटानी पड़ीं। तीर्थपुरोहितों की चौकियां त्रिवेणी बांध पर लगने लगी हैं।केन, बेतवा में उफान और पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा-यमुना के जलस्तर में अचानक इजाफा शुरू हो गया है।

रविवार को आठ सेमी. प्रतिघंटा की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा। यमुना के जलस्तर में तीन सेमी. प्रति घंटा की रफ्तार से वृद्धि होती रही। उधर, बेली कछार के अलावा शिवकुटी, बघाड़ा और सलोरी में गंगा ने दस्तक दे दी है। कहा जा रहा है कि जलस्तर इसी तरह बढ़ा तो कछारी इलाकों में घर बनाने वालों के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। रामघाट जलमग्न हो गया और गंगा महावीर मार्ग से होकर बड़े हनुमान मंदिर की ओर बढ़ने लगी।

बाढ़ नियंत्रण कक्ष की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक रात आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 80.55 मीटर दर्ज किया गया। फाफामऊ में चार घंटे में 34 सेमी. गंगा का जलस्तर बढ़ गया। इसी तरह छतनाग में 79.97 मीटर पर गंगा पहुंच गई। जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर 80.63 मीटर रिकार्ड किया गया। सिंचाई बाढ़ खंड के अभियंताओं के मुताबिक केन में उफान की वजह से एमपी -बार्डर स्थित बरियारपुर बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यहां जल दबाव बढ़ गया है।

90 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है। तेज प्रवाह से कछार में पानी आने लगा है। घाटों के ऊपरी हिस्से के जलमग्न होने से सबसे अधिक परेशानी तीर्थपुरोहितों और पूजा-प्रसाद, फूलमाला बेचने वालों की बढ़ी है। संगम पर चौकियां लगाने वाले तीर्थपुरोहित बांध पर आ गए हैं। हालात को देखते हुए सिंचाई बाढ़ खंड के अधिकारियों ने बांध का जायजा लिया।

पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की केन में उफान आने के बाद बरियारपुर बैराज का जल दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। इस वजह से यहां जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अभी दो दिनों तक यही स्थिति रहने की उम्मीद है। बृजेश सिंह, एक्सईएन- सिंचाई बाढ़ खंड।

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