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जिस 12.5 करोड़ की बेनामी संपत्ति की होटल में होनी थी डील, उसे अतीक ने खरीदा था यमुनापार के एक राजमिस्त्री के नाम

SV News

होटल में होनी थी 12.5 करोड़ की बेनामी संपत्ति की डील, रकम ले विदेश भाग जातीं शाइस्ता-जैनब!

प्रयागराज (राजेश सिंह)। अतीक-अशरफ के अधिवक्ता विजय मिश्र की गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि लखनऊ के जिस होटल से विजय को हिरासत में लिया गया, उसमें माफिया भाइयों की 12 करोड़ की बेनामी संपत्ति की डील होनी थी। इस डील को करने के लिए खुद अशरफ की पत्नी रूबी उर्फ जैनब वहां पहुंची थी। हालांकि इससे पहले ही पुलिस पहुंच गई। 
उधर पुलिस ने इस संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, जमीन की डील का खुलासा तब हुआ, जब होटल में इसके रजिस्ट्री के कागजात पुलिस ने बरामद किए। यह जमीन एयरपोर्ट थाना क्षेत्र स्थित गौसपुर कटहुला में स्थित है, जिसका कुल क्षेत्रफल 23,447 वर्ग मीटर है। 14 अगस्त 2015 को यह जमीन अतीक व अशरफ ने एक राजमिस्त्री के नाम से खरीदी थी।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद फरारी काटने के दौरान माफिया भाइयों का परिवार तंगहाल हो गया है। यही वजह है कि अब वह इस जमीन को बेचने की तैयारी थी। सूत्रों का कहना है कि लखनऊ के विभूति खंड, गोमती नगर स्थित होटल में इस जमीन को बेचने की डील होनी थी। जिसके लिए खुद जैनब वहां पहुंची थी। 
जैनब ही इस डील को करने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही वहां एसटीएफ के दबिश देने से उसके मंसूबे पर पानी फिर गया। इसी दौरान जैनब व उसके साथ आया एक अन्य व्यक्ति पुलिस को चकमा देकर निकल भागे। चर्चा है कि डील से मिलने वाली रकम लेकर शाइस्ता और जैनब विदेश भाग सकती थीं।
डीसीपी नगर दीपक भूकर ने कहा कि माफिया भाइयों की बेनामी संपत्ति को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत कुर्क करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पुलिस आयुक्त को रिपोर्ट भेजकर अनुमति मांगी गई है। 
इस संपत्ति का पता चलने के 48 घंटे के भीतर ही पुलिस ने राजस्व विभाग से इसे चिह्नित भी करा लिया। साथ ही इसका मूल्यांकन भी कराया। मौजूदा मूल्य के हिसाब से संपत्ति की कुल कीमत 12,42,69,100 रुपये आंकी गई है। इसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
सूत्रों का कहना है कि 12.5 करोड़ की इस बेनामी संपत्ति की डील 20 करोड़ में होने की बात तय हुई थी। प्रयागराज में पुलिस का शिकंजा देखते हुए ही डील के लिए लखनऊ स्थित आलीशान होटल चुना गया था।
400 रुपये रोजाना की कमाई
जिस राजमिस्त्री के नाम पर अतीक-अशरफ ने जमीन लिखवाई, उसकी रोजाना की कमाई महज 400-500 रुपये ही है। वह यमुनापार का रहने वाला है। पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया, दोनों भाइयों ने उसे डरा-धमकाकर बैनामा अपने नाम कराने के लिए राजी कराया था। बैनामे के बाद यह भी कहा था कि वह जब भी कहें, बिना कोई सवाल किए जमीन उनके नाम लिख देना। ऐसा न करने पर परिवार समेत जान से मारने की धमकी भी दी थी।
अतीक के अधिवक्ता विजय मिश्र के लखनऊ में पकड़े जाने के मामले में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। पता चला है कि जिस दिन विजय लखनऊ में था, उसी दिन अशरफ का साला सद्दाम भी वहां पहुंचने वाला था। ऐसे इनपुट मिलने के बाद बरेली पुलिस की एक टीम भी लखनऊ पहुंची थी लेकिन सद्दाम के न मिलने पर वह वापस चली गई।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम का नाम तब चर्चा में आया था, जब पुलिस को पता चला कि वह बरेली में ही रहकर अशरफ के इशारे पर उसके धंधे संचालित कर रहा था। यही नहीं जेल में अशरफ से कौन कब मिलेगा, इसका पूरा इंतजाम भी वही देखता था। इसके बाद बरेली पुलिस ने बिथरी चैनपुर और बारादरी थाने में उसके खिलाफ दो मुकदमे दर्ज किए। तब से सद्दाम फरार है। उस पर एक लाख का इनाम है।
सूत्रों के मुताबिक, बरेली पुलिस को इनपुट मिला था कि सद्दाम 29 जुलाई को किसी से मिलने लखनऊ पहुंचने वाला है। यह इनपुट मिलने के बाद ही बरेली पुलिस की एक टीम भी लखनऊ पहुंच गई थी। उसके होटल हयात में आने की सूचना थी लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद ही पता चला कि वहां अतीक-अशरफ का अधिवक्ता विजय मौजूद है। जिसके बाद एसटीएफ की मदद से उसे हिरासत में ले लिया गया।
यह भी कहा जा रहा है कि विजय के पकड़े जाने के दौरान जो बुर्के वाली महिला व पुरुष होटल से निकलकर अचानक गायब हुए, वह कहीं अशरफ की पत्नी जैनब व साला सद्दाम तो नहीं था। फिलहाल इस मामले में अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महिला कौन थी इसकी जांच की जा रही है।

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