मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
चेहल्लुम के अवसर पर गुरुवार को लोटाढ़ गांव के इमाम चौक से मुस्लिम समुदाय के अकीदतमंदों ने ताजिया जुलूस निकाला। ताजिया जुलूस लोटाढ़ बाजार रोड़ होते हुए ग्राम सभा जरार के पूरवा गांव के कर्बला में जाकर समाप्त हुआ। विकास खंड मेजा के लोटाढ़,जरार, उसकी,चमनगंज व पुरवा गांव के ताजिया में शामिल हो जाता है। इस दौरान मोहर्रम कमेटी के नवयुवक व ग्रामीण क्षेत्र से आए युवाओं ने नए-नए अंदाज में कई कर्तव्य दिखाएं,और खूब जमकर लाठियां भांजी।ताजिया-जुलूस में शामिल युवाओं ने या हुसैन या हुसैन के नारे लगाते रहे। ताजिया के मशहूर कारीगर मोहम्मद उस्ताद ने कहा कि मोहर्रम मुसलमान का ऐसा पर्व है। जिसमें त्याग और बलिदान का समंदर दिखाई देता है। पैगंबर इस्लाम ने जिस पाक और सच्चे धर्म को दुनिया में फैलाया था उसे ही बचाने के लिए उनके नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 शहीदे "ए" करबला में शहीद हो गए थे। उनकी ही शहादत के 40 वें दिन के बाद अकीदतमंदों के द्वारा चेहल्लुम मनाया गया था। उसी रीति रिवाज को कायम रखते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने चेहल्लुम का पर्व मनाया। ताजिया जुलूस के बाद अकीदतमंदों के द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग उपस्थित रहे। ताजिया जुलूस में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए थाना प्रभारी मेजा राजेश उपाध्याय व चौकी प्रभारी मेजारोड विकास सिंह सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।मेले के दौरान मुजावर मोहम्मद मुमताज ( लोटाढ ) गफ्फार अली,सनवर अली,मेराज अली,माशूक अली, मोहम्मद सेबू,जब्बार अली,मोहम्मद फरीद,अवधेश सिंह,अच्छन अली,पूर्व प्रधान लोटाढ ज्ञानचंद वर्मा,मोहम्मद उस्ताद,मोहम्मद हुसैन, श्यामूलाख,मोहम्मद नियाज उसकी, मोहम्मद अरशद जरार प्रधान,मोहम्मद नूर आलम,मोहम्मद रुखसाद, पंकज सिंह,वहीद अली, मोहम्मद मुकीम ,अरशद अली,मोहम्मद मुस्तफा, मोहम्मद अजीम सहित आदि सैकड़ो की संख्या में लोग मौजूद रहे।