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उत्तर प्रदेश में दरक गया इंडिया गठबंधन?: कांग्रेस का दावा- सपा के दो सौ नेता उनके संपर्क में

SV News

जल्द ज्वाइन करेंगे पार्टी

लखनऊ (राजेश सिंह)। विपक्षी गठबंधन इंडिया में भले कांग्रेस और सपा साथ-साथ नजर आ रही है, लेकिन प्रदेश की सियासत में इनकी राहें अलग- अलग दिख रही हैं। सपा के तमाम नेता कांग्रेस की ओर रूख कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे सपा सरकार में दलितों एवं पिछड़ों की अनदेखी के मुद्दे को गरमा भी रहे हैं। फिलहाल मंगलवार को प्रसपा- सपा के कई नेता कांग्रेस का हाथ पकड़ने जा रहे हैं।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के बाद प्रसपा का सपा में विलय हो गया। उम्मीद थी कि दोनों पार्टियों के नेता एकजुट होकर प्रदेश की सियासत में अपनी ताकत का अहसास कराएंगे, लेकिन हालात बदलते नजर आ रहे हैं। दो माह के अंदर सपा- प्रसपा के के कई दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। सपा के संस्थापक सदस्य सीपी राय कांग्रेस में पहुंचे और प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल ली है। पूर्व विधायक राकेश राठौर, सपा के राष्ट्रीय सचिव नवाब अली अकबर भी कांग्रेस में चले गए। भदोही में सपा के टिकट पर नगर पालिका का चुनाव लड़ चुके हसनैन अंसारी रोते हुए कांग्रेस के मंच पर पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने उन्हें तिरंगा भेंट कर कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
अब मंगलवार को प्रसपा छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्वअध्यक्ष दिनेश सिंह यादव, सपा के अनुषांगित संगठन बाबा साहब वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव शैलेंद्र ध्रुव और सपा के प्रदेश सचिव बीपी सिंह अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। एक के बाद एक सपा नेताओं के कांग्रेस में शामिल होना सियासी तौर पर अलग संदेश दे रहा है। इस संबंध में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि वे पार्टी को मजबूत करने में जुटे हैं। जनता की आवाज बुलंद करने वालों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं। वह दावा करते हैं कि सपा सहित विभिन्न पार्टियों के करीब दो सौ से ज्यादा नेता उनके संपर्क में हैं। दशहरे के बाद जिलेवार लोगों को कांग्रेस में शामिल कराया जाएगा।

प्रदेशभर में हो रहा प्लान बी पर काम

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अपने टीम बी के प्लान पर भी अंदरखाने में काम कर रही है। इंडिया गठबंधन के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह से बात बिगड़ती है तो प्लान बी लांच किया जाएगा। इसके तहत प्रदेश के तमाम अल्पसंख्यक नेताओं के संपर्क साधा जा रहा है। गंठबंधन में तस्वीर बदलती तो सपा से टिकट कटने पर कई पुराने सपाई नेताओं को कांग्रेस मैदान में उतार सकती है। इसके लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासतौर से फोकस किया गया है। कांग्रेस के सांसद इमरान प्रतापगढ़ी की रामपुर- मुरादाबाद में सक्रियता और पूर्व सांसद इमरान मसूद का राहुल गांधी की शान में कसीदें पढ़ने के सियासी संदेश हैं।

सपा सरकार में हुई दलितों-पिछड़ों की अनदेखी

प्रसपा छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे दिनेश सिंह कहते हैं कि अब दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक की लड़ाई लड़ने का माद्दा सिर्फ कांग्रेस में हैं। यही वजह है कि वे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में विश्वविद्यालयों में भर्ती के दौरान दलितों एवं पिछड़ों की अनदेखी की गई। वह सवाल करते हैं कि सपा बताए कि उसकी सरकार में किस दलित एवं पिछड़े वर्ग को कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी गई? वह कहते हैं कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद सपा के दलित एवं पिछड़ा विरोधी चेहरे को बेनकाब किया जाएगा।

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