प्रयागराज (राजेश सिंह)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गो हत्या के मामले में पुलिस कमिश्नर प्रयागराज रमित शर्मा द्वारा दाखिल हलफनामे पर असंतुष्टि जताते हुए सरकार को प्रयागराज सहित पूरे यूपी के थानों में दर्ज प्राथमिकियों का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने पूछा है कि यूपी के थानों में गो हत्या की कुल कितनी प्राथमिकी दर्ज हैं। कितने मामलों में जांच चल रही है और कितने मामलों में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है।
कोर्ट ने अगली सुनवाई पर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता पीके गिरि को भी अनुपालन के लिए आदेश की प्रति उपलब्ध कराने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने सैफ अली खान की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले कोर्ट ने इस मामले में पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को तलब कर याची के खिलाफ चार सालों से विवेचना पूरी न होने पर नाराजगी जाहिर की थी। पुलिस कमिश्नर कोर्ट के 17 नवंबर के आदेश के अनुपालन में 30 नवंबर को उपस्थित हुए और बिना शर्त माफी मांगते हुए याची के मामले में हलफनामे पर जानकारी मुहैया कराई थी।
कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए असंतुष्टि जताई। इस पर अपर महाधिवक्ता पीके गिरि ने बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने इस पर समय देते हुए केस की सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तिथि तय कर दी। हालांकि, कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत दे दी।