मिर्जापुर (राजेश सिंह)। गुरु पूर्णिमा पर रविवार को विभिन्न आश्रम व मठों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने अपने-अपने गुरु का दर्शन कर श्री चरणों में शीश नवाए। गुरु पूर्णिमा पर सक्तेशगढ़ स्थित श्री परमहंस आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज के श्री चरणों में काफी संख्या में भक्तों ने शीश नवाया।
स्वामी जी का दर्शन पाने के लिए होड़ लगी रही। देश के कोने- कोने से आए करीब चार लाख भक्तों ने स्वामी अड़गड़ानंद महाराज का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आश्रम में शनिवार से ही भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। परिसर में बनाए गए कमरों में बाहर से आने वाले काफी संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार के साथ डेरा डाले रहे। गुरु पूर्णिमा पर सुबह से ही चुनार, मड़िहान, राजगढ़ से आश्रम की ओर जाने वाली सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
आश्रम में महाराष्ट्र, बिहार, कोलकाता, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, छत्तीसगढ़ के अलावा देश के अन्य हिस्सों से भक्त अपने गुरु का दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
इसी तरह श्रद्धालुओं ने माहवारी स्थित देवरहा हंस बाबा आश्रम पहुंचकर गुरु के श्री चरणों में आस्था के शीश नवाए। नगर के बुढ़ेनाथ मंदिर में गुरु के दर्शन के लिए स्थानीय लोग सहित दूर-दराज से आए भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े रहे।
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर जगत जननी मां विंध्यवासिनी देवी के दरबार में दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। भक्तजन नारियल-चुनरी, माला-फूल लेकर विंध्यधाम पहुंचे, जहां मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन पाकर निहाल हो उठे।
घंटा, घड़ियाल, शंख एवं माता के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर पूरे दिन गुंजायमान रहा। सोमवार को विंध्यधाम पहुंचे हजाराें की संख्या में नर-नारियाें ने माता के दरबार में श्रद्धाभाव से दर्शन-पूजन कर सुख व समृद्धि की कामना की। विंध्याचल मंदिर में आरती-पूजन के समय कपाट बंद होने से श्रद्धालु कतार में बैठकर उसके खुलने का इंतजार करते रहे।
झांकी दर्शन के लिए अलग तथा गर्भगृह में जाकर दर्शन करने के लिए अलग-अलग लाइन में श्रद्धालु खड़े थे। इस दौरान विंध्यधाम की कोतवाली गली, न्यू वीआईपी गली व पुरानी वीआईपी गली में चारों तरफ भक्तजन ही नजर आ रहे थे।
मां का दर्शन-पूजन करने के बाद भक्ताें ने धाम परिसर में स्थित अन्य देवी-देवताओ के मंदिर में पूजन-अर्चन किया। मां विंध्यवासिनी देवी के दरबार में पहुंचे हजाराें भक्ताें ने हवन-कुंड की परिक्रमा कर पुण्य लाभ कमाया। मंदिर की आकर्षक फूल-पत्तियों के साथ ही बिजली के झालराें से की गई सजावट एक अद्भुत छटा बिखेर रही थी।
मंदिर की छत पर शिखर का परिक्रमा करते रहे, दर्शन पूजन का दौर देर रात तक चलता रहा। मां विंध्यवासिनी देवी का विधिवत दर्शन-पूजन करने के बाद भक्ताें ने विंध्याचल की गलियाें में सजी दुकानों ने अपनी-अपनी जरुरताें की वस्तुओं की भी जमकर खरीदारी किया। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई इस दौरान पंडा समाज अध्यक्ष पंकज द्विवेदी मंत्री भानु पाठक मंदिर सुरक्षा प्रभारी राजेश कुमार मिश्रा सहित पीएसी के जवान तैनात रहें।