मांडारोड़, प्रयागराज। (राहुल यादव/विकेश कुमार)। शनिवार को मांडा थाने पर आयोजित समाधान दिवस में मेजा व कोरांव मिलाकर 22 लेखपालों के सापेक्ष मात्र छह लेखपाल और एक नायब तहसीलदार मांडा आये थे। दोनो तहसीलों के तमाम गांव मांडा थाने के क्षेत्र में आते है, लेकिन दोनो तहसीलों से एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार तक मांडा के समाधान दिवस में नही आते और न ही इस बार आये। एसीपी मेजा भी मांडा के समाधान दिवस में आने के बजाय मेजा थाने को अधिक वरीयता देते हैं। ज्यादातर अधिकारी तहसीलों के बगल थाने पर बैठकर समाधान दिवस की खानापूर्ति करके प्रयागराज लौट जाते है। मांडा में राजस्व अधिकारी न आने से अध्यक्षता इंस्पेक्टर मांडा शैलेंद्र सिंह ने की। कुल एक दर्जन प्रार्थना पत्र आये, लेकिन उन गांवो के लेखपाल न होने से सभी मामले अनिस्तारित रह गये। जब तक मांडा के समाधान दिवस का औचक निरीक्षण प्रयागराज या लखनऊ की टीम करके दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाई नही करती, तब तक मांडा का समाधान दिवस पूरी तरह औपचारिकता बना रहेगा। राजस्व संबंधित तमाम पुराने समाधान दिवस के मामले अभी जांच हेतु अधर में है। जो लेखपाल आते भी है, वे चाय पान की दुकानों पर कुछ खास फरियादियों में ही जुटे रहते है।
मांडा: समाधान दिवस पर फरियादियों को निराशा
शनिवार, जुलाई 13, 2024
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