प्रयागराज (राजेश सिंह)। दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश व अंजुमन हिमायतियान चपरासियान संघ उ0प्र0 के संयुक्त तत्वाधान में न्यायपालिका में निरंतर बढ़ते जा रहे कार्य के बोझ व पत्रावलियों के अनुसार निर्धारित मानक के अनुरूप पदों के सृजन न होना व लंबे समय से अंर्तजनपदीय स्थानान्तरण न होना, 14 वेें वित्त आयोग के एफ0टी0सी0 कर्मचारियों की वेतन वृद्धि व नियमितीकरण, स्वीपर फर्राश के नियमसंगत वेतनमान प्रदान करने, विभागीय नियमावली संशोधन, शेट्टी कमीशन की संस्तुतियों को पूर्ण रूप से लागू करने, वरिष्ठ सहायक पदों पर पदोन्नति में शिथिलीकरण, वर्दी भत्ता न मिलने व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का आवासीय कार्यालय के नाम पर घरेलू कार्य कराये जाने पर प्रतिबंध जैसी गंभीर समस्याओं के निस्तारण न होने से व्यथित होकर आज पूरे प्रदेश के न्यायिक कर्मचारीयों ने चर्च पत्थर का गिरजाघर के निकट धरनास्थल, सिविल लाइन प्रयागराज में एकत्रित होकर प्रार्थना सभा आयोजित कर अपने समस्याओं के निराकरण हेतु प्रार्थना की।
विदित हो कि उत्तर प्रदेश न्यायपालिका मे पत्रावलियों की विस्फोट की स्थिति है, लिपिकीय संवर्ग का एक कर्मचारी अपने कार्य मानक से 10 गुना से भी अधिक कार्य करने को विवश है, दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ उ0प्र0 व अंजुमन हिमायतियान चपरासियान संघ उ0प्र0 द्वारा न्याय प्रशासन का ध्यान इस ओर निरन्त आकृष्ट कराये जाने के बावजूद कार्य के बोझ कम करने एवं कोर्ट व पत्रावलियों की संख्या के अनुसार पद सृजन करने की दिशा में न्याय प्रशासन द्वारा कोई सार्थक कदम नहीं उठाया जा रहा साथ ही माननीय उच्च न्यायालय कर्मचारियों की संख्या, वेतन व भत्ते बढाये जाने व आधारभूत संरचना व कार्यालय में समुचित संसाधन उपलब्ध कराये बिना ही और अधिकतम तेजी से कार्य ले रहा ऐसे में न्यायिक कर्मचारी कार्य बोझ में पिसता जा रहा है, जनपद न्यायालय ऐसा विभाग रहा जहां कंप्यूटराइजेशन तो किया गया लेकिन कंप्यूटर आपरेटर के एक भी पद सृजित नही किए गए, साथ ही कोर्ट में कंप्यूटर और मैनुअल दोनो विधियों से काम होने के कारण एक ही कार्य को दो बार करने की प्रकिया जारी है। जनपद न्यायालय कर्मचारियों के अंर्तजनपदीय स्थानान्तरण लंबे समय से लम्बित है न्याय प्रशासन द्वारा जल्द ही स्थानान्तरण करने संबंधित बार-बार आश्वासन दिये जाने के बावजूद स्थानान्तरण न किये जाने, अधीनस्थ न्यायालय सेवा नियमावली 2013 शीघ्र संशोधित किये जाने, 4600 ग्रेड के पदों को राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान किये जाने, 14 वें वित्त आयोग द्वारा भर्ती एफ0टी0सी0 कर्मचारियों के वेतन वृद्धि एवं नियमितीकरण प्रक्रिया शुरू करने, उत्तर प्रदेश राज्य जिला न्यायालयों के प्रोन्नतीय पदों से परिवीक्षा अवधि समाप्त करने, जिलों में विभिन्न समितियो/अधिकारियों के समक्ष लबें समय तक कर्मचारियों के सेवा संबंधी मामलों को वर्षों तक लटकाए रखने की प्रवृति समाप्त करने, प्रथम न्यायिक वेतन आयोग की संस्तुतियों के आलोक में जनपद न्यायालयों के कामन कैटेगरी कर्मचारियों को प्रत्येक प्रोन्नतीय तथा वित्तीय स्तरोन्नयन पर एक अतिरिक्त वेतन वृद्धि करने, जनपद न्यायालयों में लुप्त हो गये वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी पदनाम ग्रेड 4800 की पुर्नस्थापना करने, कर्मचारीगणों के अर्जित अवकाश जाने पर उनका अवकाश स्वीकृत न कर नियम विरूद्ध तरीके से लंबे से तक वेतन रोक कर आर्थिक शोषण जैसे कृत्य रोकने, एफ0टी0सी0 के तदर्थ कार्मिकों के समान तिथि से समान सेवा लाभ प्रदान करने, अधीनस्थ न्यायालय कर्मचारियों की वर्दी निर्धारित कर दी गयी है परन्तु कर्मचारियों को वर्दी भत्तों का निर्धारण करके भत्ते आज तक प्रदान नही किये गये। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आवासीय कार्यालय के नाम पर आवास पर बुलाकर घरेलू कार्य कराये जाने की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने, स्वीपर कम फर्राश का वेतनमान बढ़ाकर नियमसंगत वेतन प्रदान करने तथा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों को प्रथम न्यायिक वेतन आयोग द्वारा प्रदत्त भत्तों के पुनरीक्षण करने जैसी अनगिनत गंभीर समस्याओं के लंबे समय से निस्तारण न होने व्यथित होकर प्रदेश के हजारों की संख्या में न्यायिक कर्मचारी एकत्रित होकर प्रार्थना सभा का आयोजन करके अपनी गंभीर समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रार्थना की। इस दौरान पण्डित अनिल शुक्ल, डॉ नृपेंद्र सिंह, अभिषेक सिंह, नरेंद्र विक्रम सिंह, ब्रज किशोर शर्मा, मुकेश सिंह, अशोक सिंह, एल बी पांडे, अश्वनी राय, कुमकुम, मोनिका शर्मा, सुनीता सिंह, तपन सिंह रहे।