कलात्मक हस्ताक्षर भी सवालों के घेरे में
प्रयागराज (राजेश सिंह)। एसएमसी की नौवीं कक्षा की छात्रा जेना हुसैन खान के सुसाइड नोट को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजनों से लेकर कॉलेज प्रशासन तक के होठ सिले होने की वजहें क्या हो सकती हैं, इसे लेकर हर कोई हैरान है। आखिर उस सुसाइ़ड नोट में जेना ने ऐसी क्या बात लिख दी है, जिसे दबाया जा रहा है। सवाल यह भी है कि अपनी मौत से पहले वह सुसाइड नोट जेना ने ही लिखा है या किसी और ने इस घटना को मोड़ देने के लिए कहानी रच डाली है। कहा जा रहा है कि यह रहस्य तभी खुल सकता है, जब जिम्मेदार एजेंसियों की ओर से उसके सुसाइड नोट की जांच की जाए।
जेना हुसैन खान के नाम से जारी सुसाइड नोट में जो बातें लिखी गई हैं, उस पर भी जरा गौर कर लीजिए। जेना ने अपनी मां सूफिया रशीद और पिता अरफत खान को पूरी तरह क्लीन चिट दे दी है। लेकिन, अपने कॉलेज को कठघरे में खड़ा किया है। वह यातना के केंद्र के रूप में ऐसे कॉलेज को बंद कर देने की भी बात लिखती है। लेकिन, किसी शिक्षिका, प्रिंसपिल या अपनी सहेली का जिक्र नहीं करती।
यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि इस सुसाइड नोट में जेना का हस्ताक्षर बीच में किया गया है। जबकि कोई भी अपना पत्र लिखने के बाद हस्ताक्षर अंत में वहां करता है, जहां उसकी बात पूरी तरह खत्म होती है। लेकिन, इस सुसाइड नोट में ऐसा नहीं है। जेना का बहुत ही खूबसूरती से एक हस्ताक्षर डायरी के पन्ने के बीच में किया गया है। इससे यह भी सवाल उठता है कि कहीं हस्ताक्षर के बाद उस पन्ने पर किसी यह बातें लिखकर तो नहीं छोड़ दीं।
फिलहाल यह जांच का विषय है। फिलहाल जेना हुसैन खान की मौत से रहस्य का साया 10वें दिन भी नहीं हट सका है। हर किसी को बालिका की मौत की यह संदिग्ध घटना भीतर से झकझोर रही है। उसके घर, आंगन से लेकर सेंट मैरीज स्कूल परिसर तक सिर्फ एक ही सवाल हर किसी के मन को मथ रहा है कि आखिर जेना की मौत का जिम्मेदार है कौन।