प्रयागराज (राजेश सिंह)। झूंसी थाना क्षेत्र के रेलवे ट्रैक के पास ओवरब्रिज के नीचे सोमवार की सुबह युवक का शव पाए जाने से खलबली मच गई। घटना की सूचना मिलने पर इलाकाई पुलिस के साथ-साथ जीआरपी भी मौके पर पहुंची। घटनास्थल जीआरपी का होने के कारण शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चीरघर भेज दिया। युवक के मौत की सूचना मिलने पर परिजन भी रोते-बिलखते मौके पर पहुंच गए थे। मौके पर लोग भी भारी संख्या में जुटे रहे।
थाना क्षेत्र के नैका-महीन गांव निवासी श्रीपत वर्मा का 22 वर्षीय बेटा सूरज बिजली मिस्त्री था। वह पांच भाईयों में सबसे छोटा था। उसके दो भाईयों की मौत कुछ वर्ष पहले हो चुकी है। सूरज का अभी विवाह नहीं हुआ था। रविवार की शाम तकरीबन पांच बजे वह अपने दोस्त की बाइक के साथ घर आया था। कुछ देर बाद बिजली का काम करने की बात कहकर घर से निकल गया। इसके बाद वह पूरी रात घर नहीं लौटा।
इसी बीच सोमवार की सुबह तकरीबन छह बजे लोगों की नजर रेलवे ओवरब्रिज के नीचे ट्रैक के किनारे युवक के शव पर पड़ी तो सन्न रह गए। युवक के दोनों पैर टूट गए थे। सिर और चेहरे के साथ ही हाथ में भी जख्म था। घटना की सूचना मिलने पर इलाकाई पुलिस के साथ-साथ जीआरपी भी मौके पर पहुंची। घटनास्थल जीआरपी का होने के कार छानबीन शुरू हो गई। बाद में जीआरपी ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए चीरघर भेज दिया था।
सूरज के परिजन रोते-बिलखते पहले मौके पर और बाद में चीरघर पहुंचे तथा शव की शिनाख्त की। परिजनों ने सूरज के हत्या की आशंका तो जताई लेकिन पुलिस को वजह नहीं बता सके। उधर, जीआरपी चौकी इंचार्ज सुशील कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह हादसा लग रहा है। ऐसी आशंका है कि युवक को ट्रेन का धक्का लगा जिससे ट्रैक के किनारे गिरकर उसकी मौत हो गई। हालांकि असल वजह पीएम रिपोर्ट आने पर ही स्पष्ट हो सकेगी। मौके पर लोग भी भारी संख्या में जुटे रहे। बेटे की मौत से मां दुलारी देवी का रो-रोकर बुरा हाल था।
नैका गांव निवासी सूरज की मां दुलारी देवी ने बताया कि शाम को तकरीबन पांच बजे वह अपने किसी दोस्त की बाइक लेकर घर आया था। कुछ देर बाद वह वही बाइक लेकर दोबारा निकल गया। पता चला है कि वह अपने कुछ दोस्तों के साथ रात तकरीबन दस बजे तक इलाके में देखा गया था। इसके बाद वह कैसे और क्यों झूंसी रेलवे स्टेशन पहुंच गया। इन सवालों के जवाब परिजनों के पास भी नहीं है। परिजनों को शक है कि किसी न उसकी हत्या करने के बाद शव को रेलवे ट्रैक के किनारे छोड़ दिया। ताकि पूरा घटनाक्रम एक हादसा लगे। देर शाम तक परिजनों की ओर से पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई थी।