प्रयागराज (राजेश सिंह)। शहर के धूमनगंज में सेंट मैरीज कॉन्वेंट की नौवीं की छात्रा की खुदकुशी मामले से फिलहाल स्कूल प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया है। उसका कहना है कि अब तक उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। खास बात यह है कि स्कूल ने आंतरिक जांच शुरू कराने की भी जहमत नहीं उठाई है। उधर जांच पड़ताल करने घर पहुंची पुलिस के सामने भी परिजन चुप्पी साधे रहे।
सेंट मैरीज कॉन्वेंट की छात्रा जैना हुसैन खान ने 22 अक्तूबर की सुबह फांसी लगा ली थी। उसके कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा था कि जो भी हो रहा है, इसके लिए वह अपने स्कूल को जिम्मेदार ठहराती है। इस स्कूल को बंद कर देना चाहिए। इसी सुसाइड नोट में स्कूल को खौफ, आघात, राजनीति, प्रताड़ना व मानसिक दबाव के बराबर बताया गया। यह भी लिखा कि वह अपने माता-पिता के लिए कोई परेशानी नहीं बनना चाहती और इसके लिए कोई भी उसके माता-पिता को जिम्मेदार न ठहराए।
सुसाइड नोट वायरल होने के बाद भी अब तक स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में जांच की जहमत नहीं उठाई। इसके पीछे उनका तर्क यह है कि उन्हें सुृसाइड नोट नहीं मिला है। प्रशासक, फादर विपिन का कहना है कि सुसाइड नोट नहीं मिलने के कारण वह इस मामले में काेई टिप्पणी कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। उधर मीडिया में खबर आने के बाद सोमवार को पुलिस की एक टीम छात्रा के धूमनगंज स्थित घर गई। वहां पिता अरफत खान व मां सुफिया रशीद से बात की।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि फिलहाल उन्होंने चुप्पी साध ली। यही नहीं उनका मोबाइल भी बंद हो गया। फिलहाल इस मामले में पुलिस भी कुछ कहने से इन्कार करती रही। धूमनगंज थाना प्रभारी अमरनाथ राय ने इतना कहा कि उन्हें अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है।
साल भर पहले भी लगे थे आरोप, दर्ज हुआ था मुकदमा
सेंट मैरीज कॉन्वेंट में छात्रा के उत्पीड़न के आरोप का यह पहला मामला नहीं है। पिछले साल 11 मई 2023 को अशोक नगर निवासी असद अहमद ने कक्षा तीन में पढ़ने वाली अपनी नौ साल की बेटी से क्रूरता व मानसिक उत्पीड़न के आरोप में सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें तत्कालीन प्रिंसिपल सिस्टर ज्योति व शिक्षिका रीतिका मैथ्यू को नामजद किया गया था। हालांकि बाद में इस मामले में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था और इसी आधार पर आरोपियों की याचिका पर हाईकोर्ट ने एफआईआर निरस्त कर दी थी।