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अमेरिका-कनाडा में राजनीतिक शरण लेना हुआ अब मुश्किल

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चंडीगढ़। अवैध रूप से रह रहे लोगों को निर्वासित करने की अमेरिकी मुहिम से भारत में उन अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है जिनके बच्च्चे राजनीतिक शरण के बहाने अमेरिका में बसे हुए हैं। इनमें से कई के केस वहां की अदालतों में चल रहे हैं जहां उन्होंने स्वयं को खालिस्तान समर्थक होने के कारण पीड़ित बताते हुए चरमपंथी नेताओं के पत्र लगाए हुए हैं।

अमृतपाल कैसे सांसद चुना गया?

बताते हैं कि ऐसे मामलों की सुनवाई के दौरान जज उनकी इस दलील को मानने से इनकार कर रहे हैं। उनका तर्क है कि अगर भारत में खालिस्तान समर्थक होने पर आपको तंग किया जाता है तो फिर अमृतपाल कैसे सांसद चुना गया। इससे पहले खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान भी सांसद चुने जाते रहे हैं।

इंटरनेट मीडिया पर ऐसे ही एक व्यक्ति ने अपना नाम छिपाकर बताया कि उसको अमेरिका की अदालत द्वारा डिपोर्ट करने का आदेश हो गया है। उसे अगली फ्लाइट में भारत भेज दिया जाएगा। उसने बताया कि उसके केस की अदालत में सुनवाई थी जिसमें जज ने पूछा कि आपको भारत में क्या खतरा है? यह कहने पर कि खालिस्तान समर्थक होने के कारण अत्याचार किया जाता है, जज ने कहा कि आपके खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह वर्तमान में सांसद हैं और इससे पहले सिमरनजीत सिंह मान जैसे नेता भी सांसद चुने जाते रहे हैं तो आपको खतरा कैसे है? इसके बाद जज ने सिमरनजीत सिंह मान के दफ्तर में फोन लगाया जहां से पत्र लेकर गए थे। मान के दफ्तर के लोग साफ मुकर गए कि उन्हें कोई खतरा है।

खालिस्तान को लेकर कोर्ट में कही ये बात

वीडियो में उक्त व्यक्ति बता रहा है कि जज ने झूठ बोलने का आरोप लगाया तो हमने मान लिया कि पत्र और खालिस्तान की बात करने के बारे में हमारे वकील ने बोला था। हमारा खालिस्तान से कोई संबंध नहीं है। जज ने कहा कि आपने गलत जानकारी दी है। खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों में फोटो खिंचवाए जबकि भारत में ऐसी कोई मूवमेंट नहीं है।

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