मुरादाबाद। पैरों में घुंघरू, कंधे पर भोले की कांवड़ और डीजे पर भक्ति गीतों पर झूमते, नाचते जाते कांवड़िए। आगे-आगे डीजे और पीछे से कांवड़ियों के बेड़े भोले के गीतों पर मस्त मुस्कान के साथ बढ़ रहे थे। महिलाएं भी कांवड़ लेकर आ रही है। वह भी तेज कदमों से चल रही थीं। किशोरों के कंधे पर भी कांवड़ थी। उनकी कांवड़ थोड़ी छोटी बेशक थी। लेकिन, उत्साह व उल्लास भरा हुआ था।
कांठ रोड कांवड़ियों से शिवमय हो गया। एक के पीछे एक बेड़ा आता नजर आया। सभी कावंड़ियों के पैरों में घुंघरू बंधे थे। छन-छन की आवाज सुनकर राहगीरों का ध्यान पैरों की और गया तो उनमें भी भक्ति भाव बढ़ गया।
बिलारी, भगतपुर टांडा, रामपुर, मिलक समेत कई क्षेत्रों के कावंड़िए गुजरे। कावंड़ियों के स्वागत में जगह-जगह शिविर लगाए गए हैं। शिविर में बिस्तर भी बिछाए गए हैं। जिससे कावंड़ियों को थकान हो तो वह आराम कर सकें।
अद्भुत कांवड़ के दर्शन
कांवड़ियों के कंधे पर अद्भुत कांवड़ थी। कंधे पर भोले की मूर्ति रखकर कांवड़ियां गुजरा तो सभी की नजरें बरबस ही घूम गईं। रामपुर के इस कांवड़िए को शिविर में भी रोककर सेवा की गई। पैरों की मालिश की और पानी, जूस और भोजन भी कराया।
बिलारी के बेड़े रथ के रूप में कावंड़ को खींचकर ले जा रहे थे। कलश वाली कांवड़ भी कंधों पर लेकर भोले चल रहे थे। कोई 51 किग्रा तो कोई 75 किग्रा की कलश कांवड़ हरिद्वार से ला रहा है। डोली के रूप में भी कांवड़ दिखी। जिसको आगे और पीछे दो कावंड़िए कंधे पर रखकर चल रहे हैं। खड़ेश्वर व बैंकुठी कांवड़ के साथ भोले के भक्त आ रहे हैं। यह कांवड़िए अपने-अपने गांव और मुहल्लों में कांवड़ ले जाकर महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।
हरिद्वार मुरादाबाद से 165 किमी है। जबकि यह मुरादाबाद से भी आगे जा रहे हैं। रामपुर के रोहताश ने बताया कि वह चार दिन पहले चले थे। बीच में एक जगह विश्राम लेंगे और कल रामपुर पहुंच जाएंगे।
बिलारी के अभिषेक का कहना था कि सोमवार की देर रात तक गांव पहुंच जाएंगे और मंदिर में ही विश्राम करेंगे। महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक करने के बाद ही घर को प्रस्थान करेंगे। शहर में कई जगह भंडारे हो रहे हैं। कांठ रोड अगवानपुर फ्लाई ओवर, विवेकानंद अस्पताल, पीवीआर, ग्रांड विलेज होटल के सामने, अकबर किले के सामने, पीएसी समेत शहर में कई जगह भंडारे लगाए हैं। जिसमें फल, लजीज व्यंजन के अलावा खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं। रास्ते में सुपाच्य और हल्का भोजन ही ले रहे हैं। पानी ज्यादा पीते हुए चल रहे हैं।