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साईंबाबा का व्रत करने से पूरी होती है हर मनोकामना, जानिए व्रत कथा

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साईं बाबा के मंदिर में हर जाति और धर्म के लोग आकर नतमस्तक होते हैं। वहीं गुरुवार को साईंबाबा का व्रत भी किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको साईंबाबा की पूजा और व्रत कथा के बारे में बताने जा रहे हैं...

गुरुवार का दिन साईंबाबा को समर्पित होता है। साईं बाबा की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन यदि सच्चे मन से साईं बाबा को याद भी कर लिया जाए, तो वह आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं। साईं बाबा के मंदिर में हर जाति और धर्म के लोग आकर नतमस्तक होते हैं। वहीं गुरुवार को साईंबाबा का व्रत भी किया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको साईंबाबा की पूजा और व्रत कथा के बारे में बताने जा रहे हैं।

एक कोकिला नाम की महिला अपने पति महेश भाई के साथ गुजरात के एक शहर में रहती थी। वह दोनों एक-दूसरे के साथ प्रेम भाव से रहते थे। लेकिन कोकिला के पति का स्वभाव झगड़ालू था तो वहीं महिला धार्मिक स्वभाव की थी। कोकिला बहन हमेशा भगवान पर आस्था रखती थी। वहीं झगड़ालू स्वभाव का होने की वजह से उसके पति का धंधा समाप्त होने लगा था। वहीं घर में कमाने का दूसरा जरिया भी नहीं था। काम न होने की वजह से कोकिला बहन का पति दिनभर घर पर रहने लगा।

इसी दौरान काम धंधा न होने पर उसके पति ने गलत राह पकड़ लिया। एक दिन दोपहर के समय कोकिला बहन के घर के बाहर आकर एक बुजुर्ग दाल-चावल मांगने लगा। तब कोकिला बहन ने बुजुर्ग को दाल-चावल देकर अपने दोनों हाथों से उन्हें नमस्कार किया। यह देखकर बुजुर्ग ने कहा कि साईं बाबा उसे सुखी रखें। यह सुनकर कोकिला बहन ने कहा कि शायद सुखी रहना किस्मत में नहीं है। फिर बुजुर्ग आदमी को कोकिला अपने दुख-दर्द बताने लगी। यह सुनकर बुजुर्ग व्यक्ति ने कोकिला को साईं बाबा का व्रत रखने को कहा।

बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा कि साईं बाबा का व्रत करने से उनके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। साथ ही साईं बाबा का आशीर्वाद उनके घर पर हमेशा बना रहेगा। जिसके बाद कोकिला बहन ने 9 गुरुवार व्रत किया और बुजुर्ग व्यक्ति के बताए तरीके से सभी कार्य करने लगी। थोड़े दिन बाद कोकिला की बहन के घर में सुख-समृद्धि से भर गया। वहीं दोनों पति-पत्नी सुख-शांति के साथ फिर से अपना जीवन व्यतीत करने लगे। उसके पति का बंद काम फिर से चालू हो गया और महेश भाई का स्वभाव भी पहले से बिलकुल बदल गया। इसके बाद कोकिला बहन ने गरीबों को भोजन कराया और साईं बाबा की पुस्तकें भेंट दी।

फिर एक दिन कोकिला बहन की जिठानी उसके घर आई हुई थीं। इस दौरान जेठानी ने बताया कि उनके बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है। इस वजह से बच्चे परीक्षा में फेल हो जाते हैं। तब कोकिला बहन ने अपनी जिठानी को साईंबाबा के व्रत के बारे में बताया। तब जेठानी ने कोकिला बहन के कहे अनुसार 9 गुरुवार साईंबाबा के व्रत किए। कुछ ही दिनों में बच्चों का पढ़ाई में मन लगने लगा और बच्चे अच्छे नंबरों से पास हो गए।

कुछ दिनों बाद सूरत से उनकी जेठानी का पत्र आया कि उनके बच्चे साईंव्रत करने लगे। साथ ही बहुत अच्छे तरह से पढ़ाई करते हैं। वहीं व्रत की किताबें जेठ के ऑफिस में दी थीं। फिर एक के बाद एक ऐसे कई अद्भुत चमत्कार हुए। हे साईं बाबा जैसे आप सभी लोगों पर प्रसन्न होते हैं, वैसे हम पर भी होना और हमेशा अपना आशीर्वाद बनाए रखना।

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