पीटीआई, काठमांडू। नेपाल में राजशाही समर्थक समूहों पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा कि लोकतंत्र एक राजमार्ग की तरह है, जिसमें कोई रिवर्स गियर नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि कभी-कभार अंधे मोड़ के कारण क्षणिक रूप से पीछे हटना पड़ता है। उन्होंने आगे बढ़ने के महत्व पर बल दिया। पिछले हफ्ते पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के सैकड़ों समर्थकों ने काडमांडू में पूर्व राजा के स्वागत में एक रैली का आयोजन किया था।
राजशाही के समर्थन में हो रही रैली
77 वर्षीय ज्ञानेंद्र जैसे ही देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से रविवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे, उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाने शुरू कर दिए। रैली का उद्देश्य नेपाल में राजशाही की बहाली के लिए समर्थन प्रदर्शित करना था।
रविवार को यहां महिला नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2025 में बोलते हुए प्रधानमंत्री ओली ने राजशाही समर्थक समूहों द्वारा हाल ही में किए गए विरोध प्रदर्शनों की ओर इशारा किया और कहा कि हमें हमेशा आगे बढ़ने की जरूरत है। पीछे मुड़ना नहीं चाहिए। रिवर्स गियर कभी-कभी तभी लगाया जाता है, जब सड़क पर तीखे मोड़ हों।
उन्होंने कहा कि हाईवे पर कोई बैक गियर नहीं होता और लोकतंत्र ही हमारा हाईवे है। वहीं, रविवार को संसद (प्रतिनिधि सभा) में सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों के बीच राजशाही की वापसी की बढ़ती मांग को लेकर गरमागरम बहस हुई।