नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय टीम को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद बीसीसीआई ने प्लेयर्स के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत 45 दिन से अधिक के दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार के साथ समय बिताने की सीमा 14 दिन तक सीमित कर दी थी। कोहली बोर्ड के इस नियम से खासे नाराज हैं। शनिवार को त्ब्ठ के इनोवेशन लैब सम्मेलन के दौरान कहा उन्होंने इस पर बात भी की थी।
परिवार के पास आना बेहद जरूरी
विराट कोहली ने कहा था, श्लोगों को परिवार की भूमिका समझाना बहुत मुश्किल है। हर बार जब आप किसी तनावपूर्ण स्थिति में होते तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना जरूरी होता है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसकी अहमियत की समझ है। अब विराट कोहली को दिग्गज भारतीय कप्तान विराट कोहली का साथ भी मिला है।
कमरे में अकेले बैठना नहीं चाहता
कोहली ने कहा था, अगर आप किसी खिलाड़ी से पूछें कि क्या आप चाहते हैं कि आपका परिवार हर समय आपके आस-पास रहे? तो वह कहेंगे, हां। मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मैं सामान्य होना चाहता हूं। फिर आप अपने खेल को एक जिम्मेदारी की तरह ले सकते हैं। आप उस जिम्मेदारी को पूरा करते हैं और फिर आप जीवन में वापस आ जाते हैं।
कपिल देव का मिला साथ
अब दिग्गज कप्तान कपिल देव ने कहा कि खिलाड़ियों को अपने परिवार और टीम की जरूरत होती है। कपिल देव ने याद किया कि कैसे उनके समय में टीम हमेशा दौरे के पहले भाग में क्रिकेट पर फोकस और फिर दूसरे भाग के दौरान परिवारों को लाने का निर्णय लेती थी।
कपिल देव ने कहा, ष्मुझे लगता है कि यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है। मेरा मानना है कि हां आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन आपको हर समय एक टीम की भी जरूरत होती है। हमारे समय में हम खुद से कहते थे, क्रिकेट बोर्ड हमसे नहीं कहता था, पहले हाफ में मुझे क्रिकेट खेलने दिया जाए। दूसरे हाफ में परिवारों को वहां आना चाहिए और इसका आनंद लेना चाहिए।