प्रयागराज (राजेश सिंह)। बुधवार को थाना खीरी पुलिस व एसओजी/सर्विलांस सेल यमुनानगर जोन की संयुक्त टीम द्वारा हत्या की घटना कारित करने वाले दो अभियुक्त गिरफ्तार किए गए। जिनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल बरामद किया गया। बुधवार को थानाध्यक्ष खीरी आशीष सिंह, दरोगा अजय कुमार, दरोगा दीनदयाल, दरोगा जय प्रकाश सिंह, एसओजी प्रभारी यमुनानगर नवीन कुमार सिंह, सर्विलांस सेल यमुनानगर प्रभारी प्रमोद यादव की संयुक्त टीम द्वारा थाना स्थानीय पर पंजीकृत मुकदमा से सम्बन्धित दो अभियुक्त शुभम सिंह उर्फ सर्वशक्ति सिंह पुत्र बलवीर सिंह निवासी ग्राम कुडरी थाना चाकघाट जनपद रीवा मध्य प्रदेश व विजय सिंह पुत्र बुलबुल सिंह निवासी कुडरी थाना चाकघाट जनपद रीवा मध्य प्रदेश को बुधवार को थाना खीरी क्षेत्रान्तर्गत गड़री नहर पुलिया के पास से घटना में प्रयुक्त दो मोटरसाइकिल के साथ गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब हो कि 9 अप्रैल को वादी मिथिलेश कुमार मिश्र पुत्र गंगा प्रसाद मिश्र निवासी ग्राम कुडरी थाना चाकघाट जनपद रीवां (म0प्र0) द्वारा लिखित तहरीर थाना खीरी पर दी गयी कि विपक्षी द्वारा जमीन की रंजीश को लेकर आवेदक के बड़े भाई चन्द्रकान्त मिश्र को खेत में गेहूँ की मडाई कराते समय जान से मारने की नियत से गोली मार देना तथा इलाज हेतु एसआरएन प्रयागराज ले जाया गया जहां डाक्टरों द्वारा आवेदक के भाई चन्द्रकान्त को मृत घोषित कर दिया। मामले में बलवीर सिंह पुत्र नर्वदा प्रसाद सिंह निवासी ग्राम कुडरी थाना चाकघाट जनपद रीवा मध्य प्रदेश पंजीकृत किया गया था। दौराने विवेचना मुकदमा उपरोक्त में धारा 61(2)(क) बी0एन0एस0 की बढ़ोत्तरी की गयी तथा विवेचना व साक्ष्य संकलन से तथ्य प्रकाश में आया कि नामित अभियुक्त बलवीर सिंह के पुत्र शुभम सिंह उर्फ सर्वशक्ति सिंह उपरोक्त तथा उनके करीबी विजय सिंह उपरोक्त ने संयुक्त रूप से योजना बनाकर हत्या की घटना को अंजाम दिए हैं। जिससे अभियुक्त शुभम सिंह उर्फ सर्वशक्ति सिंह उपरोक्त व अभियुक्त विजय सिंह उपरोक्त का नाम प्रकाश में आया है। घटना से संबंधित अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु थाना खीरी पुलिस व एसओजी/सर्विलांस सेल यमुनानगर की संयुक्त टीम गठित कर तलाश की जा रही थी। अभियुक्तों उपरोक्त को थाना खीरी क्षेत्रान्तर्गत गड़री नहर पुलिया के पास से गिरफ्तार किया गया तथा कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल व (अभियुक्त शुभम सिंह उर्फ सर्वशक्ति सिंह उपरोक्त के कब्जे से) तथा मोटरसाइकिल व (अभियुक्त विजय सिंह उपरोक्त के कब्जे से) बरामद किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त शुभम सिंह उर्फ सर्वशक्ति सिंह उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि चन्द्रकान्त मिश्रा मेरे गांव के रहने वाले हैं जिन्होंने मेरे पिता जी के हिस्से की जमीन को गलत तरीके से मेरे चाचा से अपने पत्नी के नाम लिखवा लिये थे, जिसका दाखिल खारिज मेरे पिता जी ने रुकवा दिया है। जिसका मुकदमा कोर्ट में चल रहा है, किन्तु चन्द्रकान्त मिश्रा धनवान व प्रभावी होने के कारण जमीन पर कब्जा किये हुए था और आये दिन धौंस देता रहता था कि मेरा कोई कुछ नहीं कर पायेगा। मैं जमीन भी हड़प लूंगा और पूरा पैसा भी नहीं दूंगा। 9 अप्रैल को भी चन्द्रकान्त मिश्रा ने यह बात कही थी कि इनकी जमीन ले लिया और ये लोग कुछ नहीं कर पाये है। इस बात की जानकारी होने के बाद मेरे पिता जी बहुत क्रोध में थे और मुझसे बोले कि आज इनका कुछ करना होगा। उनकी बात से मैं भी सहमत था। 9 अप्रैल की ही शाम के समय पिता जी ने बताया कि सुनने में आ रहा है कि आज शाम को चन्द्रकान्त मिश्रा के खेत में गेहूँ की मड़ाई होगी तो निश्चय ही चन्द्रकान्त मिश्रा खेत पर जायेगा, उसी समय मौका देखकर उसका काम तमाम कर देंगे। पिता जी ने मुझसे बताया कि इस काम में सहयोग हेतु किसी अन्य व्यक्ति को शामिल करना होगा। इसके लिए पिता जी ने गाँव के ही विजय सिंह को विश्वास में लेकर यह योजना बनायी कि मौका पाकर चन्द्रकान्त मिश्रा को पिता जी गोली मारेंगे और उनका सहयोग मैं और विजय सिंह करेंगे। चूंकि विजय सिंह से हमारे अच्छे सम्बन्ध है और घर आना जाना उठना बैठना होता है और रिश्ते में भी आता है। अतः विजय भी तैयार हो गया। घटना वाले दिन शाम को 09:00 बजे लगभग चन्द्रकान्त मिश्रा खेत में अलग बैठा था व अन्य लोग गेहूँ की थ्रेसरिंग करने में व्यस्त थे। मौका पाकर पिताजी ने चन्द्रकान्त मिश्रा को योजनाबद्ध तरीके से गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से भाग कर पहले से तय योजना के अनुसार कुडरी मेन रोड की तरफ चले गये। जिसके बाद विजय ने मेरी मां व बहन को मोटरसाइकिल पर बैठाकर तथा मैने दूसरी मोटरसाइकिल पर पिताजी को बैठाकर बारीचौरा गांव के बाहर छोड दिया। जिसके बाद विजय अपने घर चला गया और मैं इलाहाबाद चला गया। तब से पिताजी, मां व बहन उधर कही ही छिपे हैं। पुलिस हम लोगों को ढूंढते हुए हम लोगों के घरों पर गयी थी तो हम लोगों को आभास हो गया था कि पुलिस हम लोगों के बारे में जान गयी है। जिसके बाद हम लोग घर से भागकर इधर-उधर छिप कर दिन काट रहे थे। आज पहड़ी के रास्ते कुछ खाने पीने की फिराक में बाजार की तरफ जा रहे थे कि आप लोगों ने पकड़ लिया।
गिरफ्तार अभियुक्त विजय सिंह उपरोक्त ने पूछताछ बताया कि बलवीर मेरे गांव के रहने वाले हैं और उनके परिवार व मेरे परिवार के बीच अच्छे संबंध है। तथा एक दूसरे के घर आना जाना व खाना पिना होता रहता है। हमारे गांव के ही रहने वाले चन्द्रकान्त मिश्रा बहुत ही मनबढ़ किस्म का आदमी है जिन्होंने बलवीर सिंह के भाई से गुमराह करके खेत लिखवा लिये थे जिसमें बलवीर सिंह का भी हिस्सा था जब बलवीर सिंह से इस बारे में बात किये तो उल्टी सीधी बात करने लगे और आये दिन धौंस जमाते थे कि मैं बहुत पहुंच वाला आदमी हूँ कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। चन्द्रकान्त मिश्रा के ऐसी बातों से मुझे भी बुरा लगता था। जब बलवीर सिंह ने चन्द्रकान्त मिश्रा को मारने की बात की तो मैं भी तैयार हो गया। घटना वाले दिन शाम को 09:00 बजे लगभग चन्द्रकान्त मिश्रा खेत में अलग बैठा था व अन्य लोग गेहूँ की थ्रेसरिंग करने में व्यस्त थे। मौका पाकर बलवीर सिंह ने चन्द्रकान्त मिश्रा को योजनाबद्ध तरीके से गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से भाग कर पहले से तय योजना के अनुसार कुडरी मेन रोड की तरफ चले गये। जिसके बाद मैने शुभम की मां व बहन को मोटरसाइकिल पर बैठाकर तथा शुभम ने दूसरी मोटरसाइकिल पर बलवीर सिंह को बैठाकर बारीचौरा गांव के बाहर छोड दिया। जिसके बाद मै अपने घर चला गया और शुभम इलाहाबाद चला गया। तब से बलवीर सिंह, उसकी पत्नी व पुत्री उधर कही ही छिपे हैं। पुलिस हम लोगों को ढूंढते हुए हम लोगों के घरों पर गयी थी तो हम लोगों को आभास हो गया था कि पुलिस हम लोगों के बारे में जान गयी है। जिसके बाद से हम लोग घर से भागकर इधर-उधर छिप कर दिन काट रहे थे। आज पहड़ी के रास्ते कुछ खाने पीने की फिराक में बाजार की तरफ जा रहे थे कि आप लोगों ने पकड़ लिया।