नई दिल्ली। चीन लगातार भारत के खिलाफ एक्शन लेता रहा है। चीन ने एक बार फिर नापाक हरकत की है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश की कई जगहों के नाम बदले हैं।हालांकि विदेश मंत्रालय (एमईए) ने चीन के नाम बदलने की इस एक्शन को खारिज कर दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने देखा है कि भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों के नाम रखने की अपनी व्यर्थ कोशिशों को जारी किए हुए है। हमारे सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, हम इस तरह के प्रयासों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार करते हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल चीन को सख्त संदेश भेजते हुए कहा- श्नाम बदलने का काम इस सच्चाई को नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।श् चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करते हुए इसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।
पहले भी चीन के दावे को भारत ने किया खारिज
चीन, जो अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा मानता है, अक्सर पूर्वाेत्तर राज्य के कई स्थानों के नाम बदलकर नक्शे जारी करता रहा है। 2024 में, चीन ने अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की लिस्ट जारी की थी, जिसे भारत ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत और चीन के बीच सीमा विवाद लंबे समय से टकराव का स्रोत रहा है। यह क्षेत्र चीन के तिब्बत क्षेत्र के साथ सीमा साझा करता है।
क्या है भारत-चीन का विवाद?
भारत और चीन के बीच विवाद कई सालों से है। दोनों के बीच की सीमा को वास्तविक नियंत्रण रेखा (स्।ब्) कहते हैं। इस मैकमोहन रेखा कहा जाता है, यह भारत के अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत से अलग करती है। हालांकि, चीन इसे मान्यता नहीं देता और अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बता कर इस पर दावा करता है। चीन अरुणाचल प्रदेश को जांगनान कहता है। भारत हमेशा से यह कहते हुए चीन के दावों को खारिज करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट हिस्सा है।