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प्रयागराज: शहर में प्रधानमंत्री आवासीय योजना के कई फ्लैटों की बिक्री का आरोप

SV News

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रधानमंत्री आवासीय योजना शहरी में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। बिना छत वालों को छत देने के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत कालिंदीपुरम के गोकुल सेक्टर में 312 फ्लैट का निर्माण करवाया गया। पीडीए (प्रयागराज डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने नियमों और प्रक्रिया के तहत सालाना तीन लाख रुपये से कम आए वाले पात्र लोगों को फ्लैट आवंटित किया गया। लेकिन, आरोप है कि यहां नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कई फ्लैटों की अवैध रूप से बिक्री हो चुकी है और किराए पर भी दिए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक यहां के ई ब्लॉक में फ्लैट नंबर 212, 312, 317 और सी ब्लॉक के फ्लैट नंबर 204 के साथ ही कई अन्य की भी बिक्री हुई है। साथ ही 50 फीसदी से ज्यादा फ्लैट किराए पर भी दिए गए हैं। इस मामले में पीडीए (प्रयागराज विकास प्राधिकरण) के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत का भी शक जताया जा रहा है।
यहां रहने वाले कई लोग नियमों का ठीक तरीके से पालना नहीं किए जाने को लेकर परेशान हैं। उनका कहना है कि कई आवंटियों ने अपने कई रिश्तेदारों को भी फ्लैट दे दिए हैं। इससे कई बार कॉलोनी में तनाव बढ़ जाता हैं। ऐसे में जो लोग नियमों के खिलाफ प्रधानमंत्री आवासीय योजना शहरी के फ्लैटों का क्रय-विक्रय कर रहे हैं या किराए पर दे चुके हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होनी चाहिए। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि कई बार उन्हें ही परेशान किया जाने लगता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन पात्र व्यक्तियों को आवास लेने में मदद करती हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और उनके पास अपना पक्का मकान नहीं है या फिर जमीन होने के बाद भी उनके पास पक्का मकान बनाने के लिए पैसा नहीं है। इस योजना के तहत सरकार होम लोन पर सब्सिडी देती है। सब्सिडी की रकम घर के साइज और इनकम पर निर्भर करती है।
ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के इच्छुक लोगों को आवास मिलता है। एएचपी (अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप) के तहत केंद्र सरकार ढाई लाख रुपए देती है। इसके साथ ही कुछ पैसा लाभार्थी से लिया जाता है। आवास पात्र लाभार्थियों के लिए पांच साल का लॉक इन पीरियड का नियम है। इसके तहत कोई भी लाभार्थी पांच साल आवास को नहीं बेच सकता है और न ही किराए पर दे सकता है।

कालिंदीपुरम के गोकुल सेक्टर में 312 फ्लैट में से 309 का आवंट किया गया है। यहां कई फ्लैट की बिक्री हुई है और किराए पर भी दिए जा रहे हैं। मोदी सरकार ने गरीबों को छत देने के लिए ये योजना लाई है। लेकिन, लोगों के साथ ही जिम्मेदार अधिकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैैं। प्रधानमंत्री आवास योजना को भ्रष्ट किया जा रहा है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। - डॉ. विशाल आर्य

कालिंदीपुरम के गोकुल सेक्टर में कई फ्लैटों की अवैध रूप से बिक्री हो चुकी है और लोग किराए देकर भी रह रहे हैं। नियमों के खिलाफ ऐसा किए जाने का विरोध किया जाता रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।- संतोष कुमार

इस तरह की कोई लिखित शिकायत मुझे प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। - अजित कुमार सिंह, सचिव, प्रयागराज विकास प्राधिकरण

पांच साल तक फ्लैट नहीं बेचने का है नियम पीएम आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर पात्र परिवार को घर बनाने और खरीदने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी मिलती है। इस योजना के तहत मिलने वाले आवास के कुछ नियम और शर्तें होती हैं, जिन्हें पात्र व्यक्ति को पालन करना होता है। एएचपी स्कीम के तहत मिलने वाले आवासीय फ्लैट को लाभार्थी पांच साल तक नहीं बेच सकता है और न ही किराए पर देने का कोई प्रावधान है। पांच साल बाद फ्लैट बेचा जा सकता है। लेकिन, इसके लिए भी कई शर्ते हैं। इसमें एक शर्त ये भी है कि 3 लाख से कम इनकम वाले व्यक्ति को ही घर बेच सकता है।

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