प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगापार के करन की उम्र महज 7 साल वर्ष है। वह ना तो सुन सकता है और न ही बोल सकता है। परिवार करन को लेकर चिंतित है। सावन का पवित्र महीना आया। कई सालों से कावंड़ लेकर जलाभिषेक के लिए जा रहे रिश्तेदारों ने कहा, करन भी कांवड़ लेकर हम लोगों के साथ चलेगा। भगवान भोलेशंकर मनोकामना पूरी करेंगे और करन बोलने और सुनने में सक्षम होगा। मन में एक मनोकामना लेकर मौन जुबां के साथ नन्हा करन भी कांवड़ थाम लेता है। अपने नाना श्यामलाल और नानी शीला देवी के साथ वह प्रयागराज के दश्वावमेध घाट से गंगाजल लेकर काशी के लिए रवाना हो जाता है। वह मूलतः हंडिया का रहने वाला है।
भोले बाबा ने पूरी कर दी मेरी मनोकामना
दतांव, जौनपुर के रहने वाले आकाश मिश्रा कहते हैं, मैंने पिछले साल भगवान भोले से मनौती मांगी थी। वह मनोकामना पूरी हो गई। मैं लगातार पिछले 15 सालों से कांवड़ लेकर बाबा के दरबार में जाता हूं। आगे भी इसी तरह से जाता रहूंगा। निधि मिश्रा, कहती हैं पिछले 4 सालों से मां के साथ कांवड़ लेकर चलती हूं। प्रयागराज के संगम का जल लेकर पैदल ही सुजानगंज स्थित गौरी शंकर धाम तक जाती हूं। अच्छे से पढ़ाई कर सकूं और पुलिस आफिसर बन सकूं, ऐसी ताकत महादेव दें.. बस यही कामना लिए कांवड़ उठाई हूं। अपनी मां के साथ पैदल चल रहीं निधि कहती हैं, वह प्रयागराज से सुजानगंज स्थित गौरी शंकर धाम तक जाती हैं।