पटना। राजधानी पटना समेत सभी प्रमंडलीय शहरों के आसपास सैटेलाइट टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि आवंटन के नियम तय कर दिए गए हैं। कम से कम 100 हेक्टेयर (करीब 250 एकड़) जमीन पर टाउनशिप विकसित की जाएगी।
विकसित टाउनशिप में कुल जमीन का 55 फीसदी हिस्सा पारदर्शी प्रक्रिया के तहत भूस्वामियों को वापस किया जाएगा। भूखंड उसी अंचल के भूस्वामियों को वापस किए जाएंगे, जहां से जमीन ली गई थी। अगर ऐसा संभव नहीं हुआ तो भूखंड के आसपास के इलाकों में भी भूखंड आवंटित किए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर उचित श्रेणियों में लॉटरी ड्रा के जरिए भी भूखंड आवंटित किए जाएंगे। योजना में देरी होने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने पूरी योजना के नियम तय करते हुए अधिसूचना जारी कर दी है।
शहरी नियोजन योजना के तहत शहर से सटे इलाकों में जमीन विकसित करने के लिए अलग-अलग समय-सीमा भी तय की गई है। नियमानुसार, भूस्वामियों से टाउनशिप अधिसूचना के दो महीने के अंदर अपनी जमीन देने की अपील की जाएगी। इस पर आपत्तियां और सुझाव भी मांगे जाएंगे। इसके बाद, विभाग द्वारा निर्धारित विकास प्राधिकरण टाउनशिप का विकास करेगा।
विकास प्राधिकरण सीमांकन और आवंटन करेगा। विकसित टाउनशिप की सार्वजनिक भूमि, यानी पार्क, खेल के मैदान, सड़कें, सामाजिक सुविधाओं वाली भूमि, पर प्राधिकरण का कब्ज़ा होगा। भूमि के विकास के लिए नामित प्राधिकरण द्वारा भूखंड आवंटन प्रमाण पत्र (एफपीएसी) जारी किया जाएगा। विकसित भूखंड का नक्शा नगरीय विकास विभाग के अलावा राजस्व विभाग के पास भी रहेगा। मूल भूखंड स्वामियों को लौटाई जाने वाली भूमि का अनुपात प्रत्येक परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता के आधार पर अलग से जारी किया जाएगा। विकसित टाउनशिप में आवंटित भूमि को बेचते समय पंजीकृत विलेख की आवश्यकता नहीं होगी।
विलंब होने पर भूमि स्वामियों को मिलेगा मुआवजा
टाउनशिप के विकास में विलंब होने पर भूमि स्वामियों को मुआवजा भी दिया जाएगा। विभागीय जानकारी के अनुसार, टाउनशिप की अधिसूचना जारी होने के बाद, नामित प्राधिकरण निर्धारित समय-सीमा के भीतर बुनियादी ढाँचे का विकास करेगा। आवश्यकता पड़ने पर एक वर्ष का विस्तार भी दिया जाएगा। इसके बाद प्राधिकरण की ओर से निर्धारित प्रक्रिया के तहत जुर्माना वसूला जाएगा, जो भूस्वामियों को दिया जाएगा।