प्रयागराज (राजेश सिंह)। गंगा नदी पर स्थित फाफामऊ पुल बंद होने पर विकल्प के रूप में सहसों मार्ग लोगों के लिए उपलब्ध रहेगा। लेकिन फाफामऊ से शहर की दूरी करीब 32 किलोमीटर बढ़ जाएगी। ऐसे में लोगों को अधिक दूरी, अधिक समय व अधिक किराए का सामना करना पड़ ड़ सकता है।
प्रतापगढ़, कुंडा, रायबरेली, ऊंचाहार, लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, बस्ती, सुल्तानपुर, बहराइच व गोंडा सहित अन्य जिलों का सफर तय करने में लोगों का पसीना तो छूटेगा। मगर जिन लोगों का प्रतिदिन फाफामऊ व शांतिपुरम से शहर आना-जाना है, उनकी ज्यादा परेशानी बढ़ेगी। खासतौर से कर्मचारी व स्कूली बच्चों के लिए 15 दिन शहर से शांतिपुरम व फाफामऊ पहुंचना बेहद थकाने वाला रहेगा। क्योंकि कई बड़े निजी स्कूल शांतिपुरम व फाफामऊ में स्थित हैं। जहां से सैकड़ों बच्चे प्रतिदिन पुल को पार करते हैं।
इसके अलावा अधिवक्ता व कई सरकारी व निजी कार्यालय के कर्मचारी, व्यापारियों का भी आना-जाना है। वहीं दूसरी तरफ तरफ यातायात के लिए एक ही विकल्प होने की वजह से जाम की समस्या का भी सामना लोगों को करना पड़ सकता है। इसके अलावा रोडवेज बसों को भी घूमकर लखनऊ सहित अन्य शहरों की दूरी तय करनी होगी। जिसके चलते किराया बढ़ना भी तय है। ऐसे में लोगों यह 15 दिन आम जनता के लिए काफी परेशानी भरे साबित हो सकते हैं। क्योंकि इस बार न तो पांटूनपुल का सहारा है और न ही फाफामऊ पुल पर दो पहिया वाहनों को आने जाने की छूट होगी।
सहसों मार्ग पर थोड़ी-थोड़ी दूर पर गड्ढें हैं। खासतौर से बरसात के समय में रोड की स्थिति तो और भी अधिक खराब हो गई है। ऐसे में यातायात का अधिक दबाव होने की वजह से सड़क की हालत और भी अधिक खराब होने के आसार हैं।