प्रतापगढ़ (राजेश सिंह)। जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी कुमारी सिंह ने एक बार फिर राजा भैया और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी पर गंभीर आरोप लगाया है। भानवी ने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर अपनी और बच्चों की सुरक्षा की गुहार लगाई है। इस संबंध में उन्होंने एक ऑडियो भी जारी किया है। कहा कि कुछ कहना नहीं चाहती थीं, लेकिन अक्षय प्रताप सिंह ने उन्हें बोलने के लिए मजबूर कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने अपने अकाउंट से एक्स (ट्वीट) भी किया है। पीएम और सीएम को भेजे गए पत्र में भानवी कुमारी सिंह ने कहा है - वर्षों तक मैंने चुप रहकर अपने परिवार की इज़्ज़त बचाने की कोशिश की। बहुत अन्याय सहा, बहुत उत्पीड़न सहा। पर हाल ही में अक्षय प्रताप ने मीडिया इंटरव्यू में मेरे बारे में झूठ फैलाकर मुझे “पागल” कहा। यही वह आख़िरी चोट थी जिसने मुझे मजबूर कर दिया कि अब सच्चाई सबके सामने रखूं।
मैं इस व्यक्ति की नीचता का कोई जवाब नहीं देना चाहती थी, लेकिन बार बार मीडिया के लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं। अब कुछ बोलना और कहना जरूरी है। मैं केवल जांच एजेंसियों से निष्पक्ष जाँच चाहती हूँ। सबूत मैंने दिए हैं जो अपने आप प्रमाण देते हैं। नई अपराध न्याय संहिता में वैधानिक तरीकों से जांच की व्यवस्था मोदी और अमित शाह ने कर दी है। फोरेंसिक जांच करा लीजिए। पंद्रह दिन में रिपोर्ट आ जाएगी। बस योगी और उनकी पुलिस को निष्पक्षता से जांच कराना है। सच शीशे की तरह साफ़ तरीके से सामने आ जाएगा। यूपी पुलिस पर भरोसा नहीं हो तो सीबीआई जांच करा लें। हिम्मत हो तो स्वयं खुद अक्षय प्रताप यह मांग करें कि पूरे मामले की सीबीआई जांच हो। जिससे यह साबित हो जाए कि सच क्या है।
भानवी ने आगे लिखा है - जिसे यह पागलपन कह रहे हैं वह अधिकारों के लिए, सत्य के लिए और न्याय के लिए बहुत जरूरी है। एक बात और संज्ञान में लाना चाहती हूं, मैं अपनी बेटियों के साथ दिल्ली के जिस घर में रहती हूं वहां की जानकारी अक्षय प्रताप जान बूझकर मीडिया बाइट में दे रहे हैं। हो सकता है वे अपने अपराधी गुर्गों को यहां भेजकर कोई आपराधिक घटना कराना चाहते हों। इसलिए मेरी और मेरे साथ रह रहे बच्चों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए।
अब इन्होंने जब मुझे मजबूर ही किया है तो कुछ और सबूत यहां प्रस्तुत कर रही हूं जो सार्वजनिक तौर पर इनके चरित्र, आपराधिक प्रवृत्ति और क़ानून का कोई डर नहीं होने का प्रमाण अपने आप देंगे। अब न्याय के लिए जांच एजेंसियों को काम करना है। मैंने हमेशा भगवान राम और सनातन धर्म की सीख के अनुसार सहनशीलता दिखाई। पर अब यह चुप्पी अपराधियों को ताक़त दे रही थी। इसलिए मैं आज सार्वजनिक रूप से बता रही हूँ।
यह वही सच है जिसे छुपाने के लिए मुझे अपमानित किया गया, मारा-पीटा गया, यहाँ तक कि घर से ग़लत तरीक़े से बाहर किया गया। जांच होगी तो न सिर्फ़ अक्षय प्रताप का बल्कि आशिका सिंह का भी हर सच अपने आप सामने आएगा क्योंकि वह सारी गतिविधियों की प्रमुख किरदार हैं। अक्षय प्रताप और आशिका सिंह केवल इस अवैध रिश्ते को छुपाने में नहीं, बल्कि अवैध हथियारों और अन्य गतिविधियों में भी मुख्य भूमिका निभाते हैं। पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।