अभी तक न्च् के चार सरकारी अस्पतालों में थी यह व्यवस्था, कमेटी की रिपोर्ट पर शासन ने लगाई मुहर
प्रयागराज (राजेश सिंह)। किडनी मरीजों की सहूलियत से जुड़ी बड़ी खबर है। प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की अनुमति मिल गई है। आज बुधवार को शासन ने हरी झंडी दे दी है। अब प्रयागराज समेत आसपास के कई जनपदों के ऐसे मरीजों को लखनऊ या दिल्ली जाने से राहत मिलेगी।
अभी तक लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान और वाराणसी के ठभ्न् में ही यह सुविधा थी। अब प्रयागराज का SRN हॉस्पिटल उत्तर प्रदेश का पांचवां सरकारी अस्पताल होगा, जहां किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था होगी। प्राचार्य डॉ. वीके पांडेय ने कहाकि यह स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल कॉलेज की उपलब्धियों में मील का पत्थर है।
30 अगस्त को शासन की तीन सदस्यीय टीम ने SRN का निरीक्षण किया था। टीम ने च्डैैल् बिल्डिंग में बने अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर और ट्रांसप्लांट यूनिट का जायजा लिया था। संतोषजनक रिपोर्ट के बाद लखनऊ से अनुमति दी गई। यह मान्यता 5 साल के लिए वैध होगी।
यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. दिलीप चौरसिया ने कहा कि ष्यह उपलब्धि केवल प्रयागराज ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के मरीजों के लिए राहत है। अब मरीजों को लखनऊ या वाराणसी नहीं जाना पड़ेगा। हमारी टीम ने निरंतर मेहनत की है और आज यह सपना साकार हुआ।”
शासन की तीन सदस्यीय पिछले वर्ष जनवरी में भी इस अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची थी। लेकिन कुछ कमियां मिली थी इसलिए शासन स्तर से इसके लिए अनुमति नहीं मिल सकी थी।
मेडिकल कॉलेज में यूरोलाजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिरीष मिश्रा बताते हैं, “अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर हम लोगों की तरफ से तैयारियां पूरी है। अब किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा होने से मरीजों को काफी राहत होगी।”
विशेषज्ञ डॉक्टर व संसाधन भी उपलब्ध
इस अस्पताल में यूरोलाजी और नेफ्रोलाजी डिपार्टमेंट की ओपीडी प्रतिदिन चलती है। यहां यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में प्रोफेसर डॉ. दिलीप चौरसिया, एसोसिएट प्रोफेसर व डॉ. दीपक गुप्ता हैं। इसके अलावा नेफ्रोलाजी डिपार्टमेंट में भ्व्क् डॉ. अरविंद गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष मौर्य व डॉ. सौम्या हैं। इसके अलाव पूरी टीम भी है।