प्रयागराज (राजेश सिंह)। अधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य शूटर गुलाम हसन के भाई राहिल हसन को भाजपा एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने अपना अल्पसंख्यक समाज का प्रतिनिधि नियुक्त किया है। इंटरनेट मीडिया में एमएलसी के साथ राहिल की फोटो और नियुक्ति का पत्र प्रसारित होने पर विवाद बढ़ गया। पार्टी के नेता एमएलसी के निर्णय पर अचंभित हो गए। एमएलसी ने पहले नियुक्ति का बचाव किया। जब मामला नहीं बना तो बैकफुट पर आ गए।
24 फरवरी 2023 को सुलेम सरांय में उमेश पाल की उनके घर पर पास गोली मारकर हत्या की गई थी। मामले में माफिया अतीक अहमद का बेटा असद व गुलाम हसन मुख्य आरोपी थे। उन्होंने ही गोली चलाई थी। हत्या के कुछ दिनों बाद झांसी में एसटीएफ ने दोनों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इसके बाद प्रशासन ने गुलाम का घर गिरवा दिया।
उस समय राहिल भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महानगर अध्यक्ष थे। भाई के हत्या में शामिल होने का खुलासा होने पर भाजपा ने राहिल को निष्कासित करके प्राथमिक सदस्यता समाप्त कर दिया था। अब एमएलसी सुरेंद्र चौधरी ने राहिल को प्रतिनिधि बनाया तो पार्टी के अंदर उनके खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे।
एमएलसी सुरेंद्र का कहना है कि राहिल लंबे समय से पार्टी हित में कार्य कर रहा था। उनके खिलाफ किसी तरह की रिपोर्ट कभी नहीं दर्ज की गई। जो भी अपराध किया उनके भाई ने किया, उसकी सजा कानूनी तौर पर मिल रही है। राहिल को अल्पसंख्यक कार्यों के लिए प्रतिनिधि बनाया था लेकिन पार्टी जनों से विमर्श के बाद उसे पद से हटा रहा हूं।
