प्रयागराज (राजेश सिंह)। यमुनानगर में सामूहिक दुष्कर्म और मतांतरण के आरोपी मोहम्मद आलम के ढाबे पर पुलिस और पीडीए ने बुलडोजर चलाया। आरोप है कि उसने एक किशोरी और उसके भाई को बंधक बनाकर ढाबे पर काम करवाया, भाई का मतांतरण कराया और किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और ढाबे को सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनाने के कारण ध्वस्त कर दिया गया।
बंधक बनाकर एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और जबरन मतांतरण कराने के आरोपित के ढाबे पर शनिवार को बुलडोजर की कार्रवाई की गई। आरोपित मोहम्मद आलम के औद्योगिक क्षेत्र स्थित ढाबे को घूरपुर पुलिस और पीडब्ल्यूडी की टीम ने ध्वस्त करा दिया।
किशोरी व भाई से जबरन ढाबे पर काम कराया गया था
पिछले दिनों घूरपुर क्षेत्र के एक गांव की अनाथ किशोरी और उसके भाई से जबरन इसी ढाबे पर एक महीने काम करवाया गया था। बाद में आरोपित ने नाबालिक भाई को मुंबई स्थित अपने एक रिश्तेदार के यहां भेज दिया था। वहां उसका मतांतरण करवाने के बाद उसे एक दुकान पर रखकर जबरन काम करवाया जाता था।
किशोरी को बंधक बनाकर रखा गया था
आरोपित और उसके साथियों ने किशोरी को करमा स्थित अपने घर में बंधक बनाकर रखा था। उससे जबरन घर का सारा काम करवाया जाता था और सामूहिक दुष्कर्म करते थे। उसका मतांतरण करवा दिया था।
किशोरी ने आपबीती बताई तो सक्रिय हुई पुलिस
बीते आठ अक्टूबर को किसी तरह उनके चंगुल से भागकर किशोरी ने अपने गांव पहुंचकर आपबीती बताई। लोगों की मदद से थाने पहुंचे लोगों ने करमा निवासी शाह आलम, मो आतिफ और मुमताज और चक घनश्यामदास निवासी मो आतिफ और पांच अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था।
घूरपुर पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी की थी
इस मामले में घूरपूर पुलिस ने शाह आलम उसकी पत्नी रहनुमा और मुमताज अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बाद में आरोपितों की निशानदेही पर पीड़ित किशोरी के नाबालिग भाई से भी जबरन काम कराने और मतांतरण कराने के आरोपित को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
ढाबे को कराया ध्वस्त
शनिवार को घूरपुर पुलिस की अगुवाई में बनी टीम ने औद्योगिक थाना क्षेत्र में यूनाइटेड कालेज के पास बने कोहिनूर होटल के नाम से संचालित ढाबे को बैकहो बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया।
थानाध्यक्ष बोले- सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाया था
थानाध्यक्ष घूरपुर दिनेश सिंह ने बताया कि आरोपित इसी ढाबे पर किशोरी को काफी दिनों रखा था। इसके अलावा उक्त ढाबा सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाया गया था। इस नाते अधिकारियों के निर्देश पर टीम बनाकर उसे ध्वस्त कर दिया गया।
