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ईडीएफसी पर पहली बार दौड़ी यात्री ट्रेन, रेलवे का प्रयोग सफल

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प्रयागराज (राजेश सिंह)। भारतीय रेलवे ने एक नया इतिहास रच दिया है। अब ट्रेनों को चलाने के लिए मुख्य लाइन के अलावा भी रेलवे के पास एक सुरक्षित विकल्प तैयार हो गया है। यह विकल्प है माल ढुलाई के लिए बना ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर (ईडीएफसी)।

बुधवार को पहली बार इस पर यात्री ट्रेन दौड़ी और बिना किसी रुकावट के रेलवे का यह प्रयोग सफल रहा। छठ की भीड़ संभालने के लिए रेलवे ने छह ट्रेनें फ्रेट कारीडोर के रास्ते चलाने का निर्णय लिया था। इसमें दो ट्रेन-गया-शकूरबस्ती (दिल्ली) और दानापुर-शकूरबस्ती शेड्यूल की गई थी। यह दोनों ट्रेनें अनारक्षित हैं। इसमें सामान्य श्रेणी व स्लीपर श्रेणी के कुल 20-20 कोच लगाए गए हैं।

इसमें पहली ट्रेन 03641 गया-शकूरबस्ती अनारक्षित पूजा विशेष ट्रेन 28 अक्टूबर मंगलवार को चलनी थी, लेकिन यात्रियों के ट्रेन में न बैठने के कारण इसे रद कर दिया गया था। बुधवार को यह ट्रेन पुनरू मंगलवार की समय सारिणी के अनुक्रम में ही शेड्यूल हुई। अपराह्न 3.45 बजे रवाना होना था, लेकिन यात्रियों की कमी के कारण बुधवार को एक बार फिर से इसे सवा घंटा री-शेड्यूल रीशेड्यूल करना पड़ा, शाम पांच बजकर एक मिनट पर यह गया से रवाना हुई।

यह रात लगभग 10.42 बजे चुनार से डीएफसी रूट पर आई। देर रात डीएफसी के न्यू कानपुर रेलवे स्टेशन पर इसे रोका जाएगा। हालांकि यहां पर कोई कामर्शियल स्टापेज नहीं है, यहां केवल ट्रेन में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, ताकि यात्रियों को पानी की कमी कोच के अंदर न हो।

पानी के लिए यहां पानी के टैंकर और मोटर लगाई गई हैं। गुरुवार को जब आप यह खबर पढ़ रहे होंगे तो ट्रेन सुबह लगभग आठ बजे दादरी पहुंच जाएगी और इसके बाद पुनरू चिपियाना बुजुर्ग से मेन लाइन पर आ जाएगी। गाजियाबाद में उसका पहुंचने का समय सुबह के सवा नौ बजे निर्धारित किया गया है, जबकि नई दिल्ली 10 बजे और शकूरबस्ती सुबह 11 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन वन-वे है। यानी शकूरबस्ती से इसे वापस गया के लिए नहीं चलाया जाएगा।

इसी तरह गाड़ी नंबर 03263 दानापुर-शकूरबस्ती अनारक्षित पूजा विशेष ट्रेन भी बुधवार को शेड्यूल हुई थी लेकिन यात्री न मिलने के कारण इस ट्रेन को गुरुवार को भी रद कर दिया गया।

फ्रेट कारीडोर पर अनूठा प्रयोग

फ्रेट कारीडोर पर यह अनूठा प्रयोग है। समय सारिणी के अनुसार लगभग 772 किलोमीटर की यह दूरी लगभग 11 घंटा 50 मिनट में तय करनी है। इस दौरान औसतन 67 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से दोनों विशेष ट्रेनें यह दूरी तय करेंगी। इस व्यवस्था से मुख्य मार्ग पर नियमित ट्रेनों का संचालन सुचारु रहा और विशेष ट्रेनें भी समय पर चलती रही।

पंजाब के लुधियाना से बंगाल के दानकुनी तक 1875 किमी लंबा ईडीएफसी का अत्याधुनिक कंट्रोल कमांड सेंटर प्रयागराज के सूबेदारगंज में है, जो पूरे एशिया का सबसे बड़ा कमांड कंट्रोल सेंटर है। यहां से ट्रेन की लाइव लोकेशन देखी जाती रही।

जैसे ही यह ट्रेन चुनार में इंटरचेंज कर फ्रेट कारीडोर पर आई कंट्रोल कमांड सेंटर में कर्मचारियों के चेहरे मुस्कुरा उठे और तालियों की गूंज के साथ इस ऐतिहासिक दिन का कर्मचारी-अधिकारी साक्षी बने। कर्मचारियों ने भारत माता का जयघोष कर इस पल को हर किसी के लिए और गौरवान्वित करने वाला क्षण बना दिया।

यह बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। फ्रेट कारीडोर पर जिस तरह से यात्री ट्रेन का सफल संचालन हुआ वह रेलवे के इतिहास में मील का पत्थर है। निश्चित ही इससे भविष्य की कई राह खुलेगी। ट्रेन में बैठे यात्रियों की यात्रा भी सुखद रही, उन्हें भी इस विशेष ट्रेन, ट्रैक और गंतव्य तक जाने की शुभकामनाएं।-शशिकांत त्रिपाठी, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे

क्या है डीएफसी....

देश में कुल छह डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) प्रस्तावित हैं। इसमें वेस्टर्न डीएफसी, ईडीएफसी, नार्थ-साउथ डीएफसी, ईस्ट-वेस्ट डीएफसी, ईस्ट कोस्ट डीएफसी व सदर्न डीएफसी हैं। सभी आपस में जुड़ेगे। ईडीएफसी इसमें 1875 किमी लंबा है।

पंजाब में 88 किमी, हरियाणा में 72 किमी, उत्तर प्रदेश में 1078, बिहार में 239, झारखंड में 195 और बंगाल 203 किमी तक लाइन बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। देश में वर्तमान समय में दो कारिडोर बन रहे हैं। इसमें 1875 किमी लंबा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (ईडीएफसी) का अत्याधुनिक कंट्रोल सेंटर प्रयागराज के सूबेदारगंज में बनाया गया है, जो पूरे एशिया सबसे बड़ा कमांड कंट्रोल सेंटर है।

ईडीएफसी के रूट पर कोयला खदानें, थर्मल पावर प्लांट, औद्योगिक शहर मौजूद हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और बंगाल तक लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है। जबकि दूसरा 1504 किमी लंबा कारिडोर वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डब्ल्यूडीएफसी) है।

यह मुंबई से दादरी तक है और हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और यूपी इसके रूट का हिस्सा है। यह मुख्य रूप से बंदरगाहरों तक पहुंच आसान करेगा। दोनों कारिडोर को दादरी के पास जोड़ दिया गया है। अब इसका इस्तेमाल पहली बार यात्री ट्रेन के लिए हो रहा है।

कब क्या हुआ

शाम 5.01 पर गया से रवाना हुई

रात 8.55 बजे डीडीयू पहुंची

रात 9.23 बजे पानी भरने के बाद डीडीयू से रवाना

रात 21.31 बजे एनसीआर में ट्रेन ने प्रवेश किया

रात 10.20 पर चुनार से आगे बढ़ी

रात 10.42 पर डीएफसी ट्रैक पर आई

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