नए सर्किल रेट को लेकर फंसा पेच
प्रयागराज (राजेश सिंह)। मुआवजे के विवाद में करछना पावर प्लांट योजना 15 वर्षों से फंसी हुई है। कई सरकारें आईं और गईं लेकिन इस बहुप्रतीक्षित योजना की शुरुआत नहीं हो सकी जबकि पावर प्लांट के लिए किसानों को 64 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जा चुके हैं। किसान अब नए सर्किल रेट पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। योजना के लिए करछना के आठ गांवों में तकरीबन 273 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत की गई थी। भूमि के बदले तकरीबन 1900 किसानों को 64 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए थे। तकरीबन 32 किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था लेकिन उनकी जमीन अधिग्रहीत कर ली गई थी। ये किसान कोर्ट चले गए थे। रिट दाखिल करने वाले किसानों में शामिल सुरेश पटेल का कहना है कि कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई थी और किसानों के नाम वापस खतौनी में दर्ज कर लिए गए थे। योजना के लिए तकरीबन 11 करोड़ रुपये की लागत से अधिग्रहीत जमीन पर चहारदीवार बनाई गई थी और भूमि का सीमांकन करते हुए कई जगह पिलर लगाए गए थे। मौके पर अब कई जगह चहारदीवारी नहीं है या तोड़ दी गई है। प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि मुआवजा न लेने पर तकरीबन 27 किसानों के नाम से कोषागार में 50 से 60 लाख रुपये रेवेन्यू डिपॉजिट किया गया था। करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी योजना जस की तस पड़ी हुई है। वहीं, जिन किसानों ने मुआवजा लिया था, वे अब नए सर्किल रेट से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इसके लिए किसानों ने पिछले हफ्ते जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन भी दिया था।