प्रयागराज (राजेश शुक्ल)। संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर को हनुमान जयंती के मौके पर रविवार को भव्य तरीके से सजाया गया। आकर्षक झूमर, झालर और सुगंधित फूलों से पूरे परिसर को सजाया गया। सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही।
संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान मंदिर को हनुमान जयंती के मौके पर रविवार को भव्य तरीके से सजाया गया। आकर्षक झूमर, झालर और सुगंधित फूलों से पूरे परिसर को सजाया गया। सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी रही। महंत बलवीर गिरि महाराज ने बजरंग बली की विशेष आरती उतारी। बड़ी संख्या में भक्तों ने मंदिर परिसर में श्रीराम नाम जप, सुंदरकांड और श्री राम चरित मानस का पाठ कर मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना की। हनुमान जयंती के मौके पर पंच दिवसीय हनुमत महायज्ञ का रविवार को ही समापन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में साधु संतों और आचार्यों के साथ वेदपाठी ब्राह्मण और हनुमत भक्तों ने आहूतियां डालीं। वैदिक मंत्रों से पूरा संगम क्षेत्र भक्तिमय रहा।
महंत बलवीर गिरि महाराज ने बताया कि वायु पुराण में उल्लेख है कि हनुमानजी ने चंद्र मास कार्तिक के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन स्वाति नक्षत्र के मेष लग्न में मां अंजना के गर्भ से साक्षात भगवान शिव में हनुमानजी के रूप में अवतार लिया था। इसी लिए हनुमानजी को द्वादश रुद्र भी कहा जाता है।
रविवार को ब्रह्म मुहुर्त में दूध, दही, शक्कर, पंचामृत, गंध, अष्टगंध, कुमकुम, भस्म, गंगा जल, तीर्थ जल, सुगंधित जल आदि द्रव्यों से रामभक्त हनुमानजी का अभिषेक किया गया। साथ ही 11 सौ कलशों के जल से हनुमानजी का अभिषेक वैद मंत्रोच्चार के बीच किया गया। श्री बडे़ हनुमान मंदिर पर हनुमानजी का जन्मोत्सव कार्तिक मास में ही मनाया जाता है।
श्री बड़े हनुमानजी मंदिर पर देर शाम तक भक्तों की लंबी कतार लगी रही। जयकारे गूंजते रहे। भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।