हाईकोर्ट का अहम फैसला, खातों का संचालन प्रिंसपल के साथ अफसर करेंगे, जीएचएस के लिए भी यही आदेश
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज शहर के सबसे चर्चित ब्वायज हाई स्कूल एंड कॉलेज जहां मेगा स्टार अमिताभ बच्चन ने अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की। सुपरस्टार अमिताभ बच्चन यहां के सबसे चर्चित स्टूडेंट्स में शुमार है। अब वही कॉलेज लगातार विवादों में है। इस स्कूल एंड कॉलेज का मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ब्वायज हाई स्कूल एंड कॉलेज, गर्ल्स हाई स्कूल एंड कॉलेज के प्रधानाचार्य के लंबे समय से चल रहे विवाद को लेकर आदेश पारित किया है।
कोर्ट ने निर्देश दिया है कि ब्वायज हाईस्कूल एंड कॉलेज तथा गर्ल हाई स्कूल एंड कॉलेज के खातों का संचालन प्रिंसिपल एवं किसी अन्य अधिकारी के द्वारा जो एडीएम रैंक से नीचे का अधिकारी न हो जिसे डीएम ने इस हेतु नियुक्त किया हो उसके द्वारा किया जाएगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसएस शमसेरी ने हाई स्कूल सोसाइटी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया। हाईकोर्ट ने पारित अपने विस्तृत आदेश में यह भी आदेश दिया है कि सीआईपीबी सी (चर्च ऑफ़ इंडिया, पाकिस्तान, वर्मा, सीलोन तथा चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया के खातों का संचालन संयुक्त रूप से कॉलेज के प्रधानाचार्य, डीएम प्रयागराज और कमिश्नर ऑफ़ पुलिस प्रयागराज के द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
हाईकोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस उमेश कुमार को कॉलेजों के निरीक्षण लिए ऑब्ज़र्वर नियुक्त किया है, जो कॉलेजों के रिकॉर्ड का निरीक्षण करेंगे तथा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को आवश्यकता पपड़ने पर निर्देश जारी करेंगे।
हाई्रकोर्ट के पूर्व जज यह भी सुनिश्चित करेंगे कि कॉलेज का मैनेजमेंट अच्छी तरीक़े से चले। कोर्ट ने कॉलेजों के प्रधानाचार्य को निर्देश दिया है कि वे कॉलेज परिसर में पूर्व जज के लिए एक ऑफिस तथा स्टाफ आदि की व्यवस्था करेंगे।
कोर्ट का यह आदेश सिविल कोर्ट से विवाद तय होने तक तथा आरोपो प्रत्यारोपों को देखते हुए एवं प्रिन्सिपल के पद कों लंबे समय तक धारण करने से व फंड के दुरुपयोग व भ्रष्टाचार को कम करने के लिए यह व्यवस्था की गई है। हाई कोर्ट के इस आदेश के तहत दोनों कॉलेजों के खातों का संचालन प्रिंसिपल के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
क्या है मामला जानिए
प्रयागराज के प्रतिष्ठित स्कूल बॉयज हाईस्कूल इन दिनों विवादों में घिरा हुआ है। 1861 में स्थापित इस स्कूल से सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी। मामला प्रिंसिपल डेविड ल्यूक की फर्जी डिग्री को लेकर सुर्खियों में है। साथ ही कई और मामले सामने हैं।
आरोप है कि प्रिंसिपल डेविड ल्यूक की मास्टर्स की डिग्री फर्जी है। इस पर मामले पर बिशप डायोसिस ऑफ लखनऊ के बिशप मोरिस एडगर दान ने सिविल लाइंस थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें डेविड ल्यूक से अब तक मिले वेतन की वसूली की मांग की गई है।
दरअसल बिशप मोरिस एडगर दान ने पुलिस को दी गई तहरीर में जानकारी दी है कि 16 अप्रैल 2012 को बॉयज हाई स्कूल में प्रधानाचार्य का पद रिक्त हुआ, जिसके बाद डेविड ल्यूक ने इस पद के लिए आवेदन किया। आरोप है कि उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर उन्हें कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति दी गई। इस बीच डेविड ल्यूक की मार्कशीट फर्जी होने की शिकायत मिली।
डेविड ल्यूक ने छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी से 2007 में अंग्रेजी विषय से व्यक्तिगत परीक्षार्थी के रूप में रोल नंबर 361222 से प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण करने की मार्कशीट लगाई थी। सभी प्रमाण पत्रों पर फॉर्म भरते समय सेल्फ अटेस्ट किया था। इसके बाद 22 जुलाई 2024 को छत्रपति शाहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर से मार्कशीट का सत्यापनकरने के लिए पत्र लिखा गया।
वेतन रिकवरी के लिए भी लिखा गया पत्र आठ अगस्त को विश्वविद्यालय की ओर से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें डेविड ल्यूक की ओर से प्रस्तुत की गई मार्कशीट का रोल नंबर उस सत्र में रजिस्टर्ड नहीं पाया गया यानी उनकी एमए की डिग्री कानपुर यूनिवर्सिटी ने प्रमाणित नहीं की है। इसी मामले में विशप मोरिस एडगर दान ने सिविल लाइंस थाना पुलिस को तहरीर देकर अब तक प्रिंसिपल के रूप में लिए गए करोड़ों रुपए वापस करने की मांग की है।
इसके साथ ही फर्जीवाड़े के लिए आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है। इस मामले में राष्ट्रीय अभिभावक मोर्चा के संयोजक बीडी अग्रवाल ने भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले में आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायत के बाद सिविल लाइन थाने के सीनियर सब इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह ने भी मामले जांच की थी।
जांच कर उन्होंने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को अपनी रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक डेविड ल्यूक की डिग्री फर्जी और कूटरचित पाई गई है। पुलिस कमिश्नर को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉयज हाई स्कूल के कार्यवाहक प्रिंसिपल बनकर कूटरचित दस्तावेज व फर्जी जालसाजी और कूट रचना द्वारा मार्कशीट बनाकर धोखा देने की बदनियती से भत्ते व वेतन का 3.25 करोड रुपए का भुगतान गबन करने का अपराध प्रमाणित होता है।
विशप मोरिस एडगर दान के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल इस पूरे मामले में विशप मोरिस एडगर दान और बॉयस हाई स्कूल के प्रिंसिपल डेविड ल्यूक के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। प्रिंसिपल और विशप के बीच छिडी वर्चस्व की इस जंग में जहां सैकड़ों साल पुराने प्रतिष्ठित स्कूल की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है।
