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ट्रंप के झूठ से बौखला उठा चीन, न्यूक्लियर टेस्ट पर किया ऐलान

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नई दिल्ली। दुनिया में इस वक्त परमाणु हथियारों के परीक्षण को लेकर होड़ मची हुई है। अमेरिका ने आरोप लगाया कि रूस और चीन लगातार चोरी छिपे परमाणु परीक्षण कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद यह बात कही और अब उनके इसी दावे पर चीन की भी प्रतिक्रिया सामने आई। चीन ने ट्रंप की ओर से लगाए गए इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। चीन ने कड़े शब्दों में अमेरिका को जवाब दिया। चीन ने कहा कि वह एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न राष्ट्र है जो शांति और वैश्विक स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है ना कि हथियारों की होड़ के लिए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ट्रंप के आरोप निराधार और भ्रामक है। उन्होंने यह बात स्पष्ट की कि चीन की परमाणु नीति हमेशा नो फर्स्ट यू पहले इस्तेमाल ना करने के सिद्धांत पर आधारित है। माऊनी ने यह बात कही कि चीन कभी भी किसी देश के खिलाफ पहले परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं करेगा। चीन की रणनीति पूरी तरह आत्मरक्षा पर आधारित है। चीन ने कहा कि वह कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर टेस्ट बैन ट्रीटी सीटीवीटी का पूरी तरह समर्थन करता है और वो इस ट्रीटी की गरिमा बनाए रखने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी तैयार है।

माउनिंग ने उम्मीद जताई कि अमेरिका भी इस समझौते के तहत अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा और वैश्विक परमाणु व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश नहीं करेगा। दरअसल पिछले कुछ दिनों में परमाणु हथियारों के परीक्षण को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। ट्रंप ने खुले तौर पर रूस और चीन के खिलाफ आरोप लगाया। यहां तक कि दक्षिण कोरिया में ट्रंप ने जिमपिंग से मुलाकात के पहले ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करके यह बात कही थी कि अमेरिका तीन दशक बाद फिर से परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करने जा रहा है। इसके पीछे उन्होंने रूस और चीन को ही जिम्मेदार ठहराया था।

माउनिंग ने यह बात कही है कि चीन हमेशा परमाणु हथियारों के सीमित उपयोग और और विश्व निरस्त्रीकरण के पक्ष में रहा है। लेकिन अगर कोई देश उकसाने या झूठ फैलाने की कोशिश करेगा तो चीन अपने हितों की रक्षा करना जानता है। यहां चीन ने इशारोंइशारों में ही अमेरिका को जवाब दिया और यहां तक कि जो ट्रंप ने दावा किया था उसको भी झूठा ही करार दिया। चीन ने साफ किया कि वो कोई भी कदम इस तरह का नहीं उठा रहा और जो देश ऐसा कर रहे हैं जो ऐसा आरोप भी लगा रहे हैं वो वो अपनी घरेलू राजनीति के लिए भय और अविश्वास का माहौल बना रहे हैं। 

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