प्रयागराज (राजेश सिंह)। ग्राम पंचायतों के स्तर पर मनरेगा में चल रही धांधली पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू हो गई है। जनपद में सक्रिय श्रमिकों की ई-केवाइसी कराई जा रही है। लगभग 64 फीसदी श्रमिकों की ईकेवाइसी हो गई है। इसके बाद चेहरों की स्कैनिंग से उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी है।
जनपद के 23 ब्लाकों की 1540 ग्राम पंचायतों में 6,28,818 श्रमिक मनरेगा में पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से लगभग 2,76,000 श्रमिक ही सक्रिय हैं। अन्य श्रमिकों ने मनरेगा से दूरी बना रखी है। मनरेगा में मजदूरों को रोजगार देने के नाम पर मनमानी हो रही है। ऐसे-ऐसे श्रमिकों की हाजिरी भरी जाती है, जो काम ही नहीं करते। तमाम श्रमिक ऐसे हैं जो कहीं बाहर रहते हैं, फिर भी उनकी हाजिरी लग रही है।
अब मनरेगा के श्रमिकों की ई-केवाइसी कराई जा रही है। करीब एक हजार रोजगार सेवक घर-घर जाकर मोबाइल एप के माध्यम से ई-केवाइसी कर रहे हैं। श्रमिकों का आधार कार्ड लिया जा रहा है। एप से उनकी तस्वीर ली जा रहीं हैं। लगभग 64 फीसदी ई-केवाइसी हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि शासन स्तर से मनरेगा में हाजिरी में परिवर्तन की तैयारी है। अभी तक काम करते मजदूरों की सामूहिक तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड की जाती हैं। आने वाले समय में एक-एक श्रमिक के चेहरे की तस्वीर के आधार पर हाजिरी लगेगी।
मनरेगा उपायुक्त गुलाब चंद्र का कहना है कि शासन स्तर की ओर से लगातार मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक-एक श्रमिक के चेहरे की स्कैनिंग से हाजिरी की तैयारी है, लेकिन अभी इसे लेकर कोई आदेश नहीं आया है। ई-केवाइसी कराई जा रही है।
