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माघ मेले में 10 दिन शेष, अभी तैयारियां अधूरी

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संगम नोज पर अभी चल रहा समतलीकरण का कार्य, बिजली विभाग अभी खींच रहा तार, साधु-संत जमीन के लिए नाराज

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के माघ मेले में करीब 10 दिन शेष बचे हैं। तीन जनवरी यानी पौष पूर्णिमा से माघ मेले की शुरूआत हो जाएगी। ऐसे में तैयारियां अभी अधूरी है। यदि मेन संगम नोज की बात की जाए तो यहां अभी जमीन समतलीकरण कार्य तक नहीं हो पाया है। जेसीबी लगाकर कार्य कराया जा रहा है। यही स्थिति बिजली विभाग का भी है। संगम नोज पर बिजली का कार्य चल रहा है। वहीं अभी साधु संत जमीन आवंटन के लिए ही आए दिन धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अफसर भले ही 90ः कार्य पूरा करने का दावा कर रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि यदि इसी गति से काम चलता रहा तो तीन जनवरी तक कार्य पूरा संभव नहीं हो पाएगा। जबकि पिछले महीने जब मुख्यमंत्री यहां मेला कार्यों के लिए समीक्षा बैठक करने पहुंचे थे उन्होंने 15 दिसंबर तक ही काम पूरा करने का निर्देश सभी विभागों को दिया था। स्थिति यह है कि मेला प्राधिकारण कार्यलय में बड़ी संख्या में विभिन्न संस्थाओं के लोग व साधु संत अभी जमीन आवंटन के लिए चक्कर लगा रहे हैं। जिन्हें जमीन मिल गई है वह सुविधा पाने के लिए अफसरों के पास पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि उत्तराखंड पीठाधीश्वर जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीकृष्णाचार्य जी महाराज को शिविर लगाने के लिए जमीन आवंटित नहीं किया था। इस पर आचार्य गोपाल महराज के नेतृत्व में सोमवार को बडी संख्या में शिष्यों ने मेला प्राधिकरण कार्यालय पर धरना प्रदर्शन भी किया था। मेला प्रशासन के अफसरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई थी। कहा गया कि अभी तक उन्हें भूमिका आवंटन नहीं किया गया है।

800 हेक्टेयर में बसेगा माघ मेला

वर्ष 2024 के माघ मेले की अपेक्षा इस बार के माघ मेले का दायरा ज्यादा बड़ा होने वाला है। 32 हेक्टेयर ज्यादा जमीन पर यह मेला बसने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसकी घोषणा की है। 2024 का माघ मेला करीब 768 हेक्टेयर में बसा था लेकिन इस बार यह बढ़ाकर 800 कर दिया गया है। यही कारण है कि इस बार मेले को 7 सेक्टर में बांटा जा रहा है। मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है।

जानिए, माघ मेले में होने वाले काम

कुल 9 पांटून पुल बनाया जाना है, जिसमें 7 तैयार हुए।

160 किमी. के दायरे में चकर्ड प्लेट बिछाए जाएंगे।

जल निगम की ओर से 242 किमी. के दायरे में पेयजल के लिए पाइपें बिछायी जाएगी।

85 किलोमीटर में सीवर लाइन भी बिछायी जाएगी।

पावर कार्पाेरेशन की ओर से 47 किमी. की एचटी और 360 किमी. की एलटी लाइन बिछायी जानी है।

25 बिजली के सब स्टेशन बनाए जाएंगे।

20-20 बेड के 2 अस्पताल बनाए जाएंगे जिसका नाम गंगा और त्रिवेणी होगा।

12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे।

एक वेक्टर कंट्रोल यूनिट स्थापित किया जाएगा। 5 होमियोपैथिक व 5 आयुर्वेदिक चिकित्सालय बनाए जाएंगे।

मेला क्षेत्र में 50 एंबुलेंस भी होंगे।

तीन हजार सफाईकर्मी, 10 लाख से ज्यादा लाइनर बैग, 20 सेक्शन गाड़ियां लगाई जाएंगी।

2 स्थानों पर पार्किंग बनाई जाएगी।

17 थाने, 42 पुलिस चौकी, 20 फायर टेंडर, 7 अग्निशमन चौकी होगी।

एक जल पुलिस थाना, चार जल पुलिस सब कंट्रोल रूम स्थापित होगा।

400 कैमरे से क्राउड मैनेजमेंट की निगरानी होगी। एआई कैमरे लगेंगे।

3000 परिवहन निगम की बसें होंगी।

75 शटल बसें मेला क्षेत्र के लिए होंगी जो सिटी से मेला लाने व मेला से सिटी में ले जाने के लिए लगेंगी।

अग्नि अखाड़े के संत जमीन पर धरने पर बैठ गए। जमीन न मिलने से वह नाराज हैं।

ये हैं प्रमुख स्नान पर्व

18 जनवरी को मौनी अमावास्या का तीसरा स्नान।23 जनवरी को बसंत पंचमी का चौथा स्नान।

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