पीड़िता के गुहार पर कोर्ट ने दिया एफआईआर दर्ज करने का आदेश
प्रयागराज (राजेश सिंह)। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) की स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. सौम्या सक्सेना द्वारा एक महिला का आपरेशन करने के बाद पेट में ही काटन का स्पंज छोड़ दिया गया। आरोप है कि महिला चिकित्सक की लापरवाही से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी। इस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर कोतवाली थाने में करीब डेढ़ वर्ष बाद महिला चिकित्सक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
प्रतापगढ़ जिले की जमेठी कुंडा निवासी सज्जन प्रजापति की पत्नी रन्नो का आठ मार्च, 2024 को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर आपरेशन किया गया था, लेकिन गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। रन्नो अस्पताल में ही 15 मार्च तक आपरेशन करने वाली महिला चिकित्सक डा. सौम्या सक्सेना की देखरेख में रही। आपरेशन के बाद भी पेट में लगातार दर्द होता रहा।
आरोप है कि डाक्टर से जब इस बारे में बताया गया तो पेट में गैस की वजह से दर्द होने की बात कहकर हीलाहवाली की गई। इसके बाद 15 मार्च को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। कई दिनों बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर स्वजन ने उसे प्राइवेट अस्पताल में दिखाया। जहां अल्ट्रासाउंड में पेट के अंदर काटन का स्पंज होने की जानकारी मिली।
27 जुलाई को प्राइवेट अस्पताल में आपरेशन कर काटन का स्पंज निकाला गया। पीड़िता रन्नो ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। कोतवाली इंस्पेक्टर संजय कुमार राय ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
