प्रयागराज (राजेश सिंह)। सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने आर्य कन्या इंटर कॉलेज में गीता के कर्मयोग विज्ञान पर आज मंगलवार को व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि गीता से उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण होता है और श्रेष्ठ नागरिकों व युवाओं से श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होने गीता के श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचनष् की व्याख्या करते हुए बताया कि कर्म पर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन फल पर अधिकार नहीं होता, फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए यह कहना उपर्युक्त अर्थ नहीं है। फल पर अधिकार नहीं है, यह उपर्युक्त व्याख्या है, क्योकि फल या परिणाम को प्रभावित करने वाले बहुत सारे कारक होते हैं जिनमें से प्रायः बहुत सारे व्यक्ति के नियंत्रण मे नहीं होते, इसलिए यथेष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए कर्मयोग का अवलम्ब लेना चाहिए।
सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने कहा कि जो कर्म करने योग्य है और शास्त्र वैसा करने की अनुमति देते हैं, वह कर्म है। जिस कर्म को शास्त्र वर्जित करते वह अकर्म हैं, जैसे मदिरापान करना अकर्म है, और जो कर्म विहित के प्रतिकूल होते है और प्रायः अपराध की श्रेणी में आते हैं वह विकर्म हैं।
व्यक्ति को कर्म, अकर्म और विकर्म तीनों का ज्ञान होना चाहिए। संयमित और संतुलित कर्माे से सदाचरण और सदाचरण से उत्तम चरित्र तथा उत्तम चरित्र से उत्तम समाज और उत्तम समाज से उत्तम राष्ट्र का निर्माण होता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ हरीश चंद्र जायसवाल ने कहा कि गीता सभी धर्मों में सहज मान्यता प्राप्त है स गीता युवाओं के लिए कोड ऑफ कन्डक्ट की तरह है स कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्या नीना प्रजापति ने धन्यवाद ज्ञापन किया स कार्यक्रम में प्रो दीपक कुमार सिंह, प्रो इभा सिरोटिया, डॉ रंजना त्रिपाठी की उपस्थिति रहीं स कार्यक्रम का संचालन अनुपमा श्रीवास्तव ने किया स अशोक पाठक ने अतिथियों और शिक्षकों को अंगवस्त्र पहनाकर और गीता देकर सम्मानित किया गया।
