फर्जी फर्म बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज
प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज में एक बेरोजगार युवक सतेन्द्र केसरवानी ने आरोप लगाया है कि नौकरी दिलाने के बहाने उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये के अवैध वित्तीय लेनदेन किए गए हैं। इस मामले में पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर खुल्दाबाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सतेन्द्र केसरवानी ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले वह नौकरी की तलाश में थे। इसी दौरान उनके पड़ोसी विनोद केसरवानी ने उन्हें एलसी फूड लिमिटेड के मालिक संजय केसरवानी से मिलवाया। आरोप है कि दोनों ने सतेन्द्र के दस्तावेज़ यह कहकर लिए कि उन्हें जल्द ही नौकरी पर रख लिया जाएगा, लेकिन उन्हें कभी नौकरी नहीं मिली।
सतेन्द्र को 25 फरवरी को आयकर विभाग से एक नोटिस मिला, जिसमें उनके नाम से संचालित सिंडिकेट बैंक खाते (जो अब कैनरा बैंक है) से 3.12 करोड़ रुपये के लेनदेन का उल्लेख था। नोटिस में उन पर 16.78 लाख रुपये की टैक्स देनदारी भी दर्शाई गई थी। आयकर कार्यालय पहुंचने पर उन्हें पता चला कि संजय और विनोद केसरवानी ने कथित तौर पर उनके दस्तावेज़ों का उपयोग कर शिव शक्ति ट्रेडर्स नामक एक फर्जी फर्म जीटी रोड, मोहनिया, भभुआ (बिहार) में उनके नाम से पंजीकृत कर ली थी। इस फर्म का करेंट अकाउंट प्रयागराज में खुलवाया गया था।
पीड़ित का दावा है कि इस खाते से वर्ष 2016-17 में 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ, जिसमें अधिकांश रकम एलसी फूड लिमिटेड से जुड़ी इकाइयों में ट्रांसफर की गई। सतेन्द्र ने बताया कि बैंक अकाउंट ओपनिंग फॉर्म पर न तो उनके हस्ताक्षर हैं, न उनका पता और न ही मोबाइल नंबर। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक शाखा प्रबंधक और कर्मचारी देवी प्रसाद की मिलीभगत से फर्जी पता डालकर इस अवैध खाते का संचालन किया गया।
सतेन्द्र केसरवानी ने पहले एसीपी खुल्दाबाद सहित कई अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह एक बड़ा आर्थिक अपराध है, जिसकी रकम का उपयोग आतंकी गतिविधियों में भी हो सकता है। पीड़ित ने यह भी कहा कि पुलिस जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी।
