प्रयागराज (राजेश सिंह)। एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) पोर्टल पर जनशिकायतों के त्वरित, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्वक निस्तारण को लेकर सोमवार को जारी प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में प्रयागराज जनपद ने शानदार प्रदर्शन कर 32वें स्थान पर पहुंच गया है। नवंबर माह की रैंकिंग में जिले का अप्रत्याशित परिणाम रहा। इसके पहले अक्टूबर, सितंबर अगस्त में प्रयागराज जिला प्रदेश में अंतिम पायदान अर्थात 75वें स्थान पर था। वहीं जुलाई में 74वें स्थान पर था। इस वर्ष जिला पांच बार अंतिम पायदान, चार बार 74वें स्थान पर तथा दो बार 70 व एक बार 69वें स्थान पर था।
नवंबर माह में जिले में कुल 4112 शिकायतें आई थीं, जिनमें 2669 के निस्तारण में संतोषजनक व 1443 असंतोषजनक फीडबैक मिले, जिसके चलते आइजीआरएस रैंकिंग में जनपद को कुल 140 अंकों में 125 अंक मिले, जबकि अक्टूबर माह में 109 नंबर मिले थे। लगातार अंतिम पायदान पर होने के चलते डीएम मनीष कुमार वर्मा ने रैंकिंग सुधारने में सितंबर माह से ही जुट गए थे। सभी विभागों के अधिकारियों से लेकर संबंधित कर्मचारियों तक को विशेष प्रशिक्षण दिलाया।
इसके साथ ही स्टाफ को किस तरह से सभी कालम अपलोड करने हैं, उसकी भी ट्रेनिंग दिलाई। चूंकि संतुष्ट फीडबैक में ज्यादा अंक कट रहे थे, इसलिए उस पर विशेष फोकस किया गया। तहसील व ब्लाक मुख्यालयों पर जिले से अधिकारियों को तथा ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर अफसार अहमद व उनकी टीम को भेजकर कर्मचारियों को बिंदुवार सिखाया गया। डिफाल्टर संदर्भों को कैसे सुधारा जाए, इसे भी बताया गया।
खास बातें
-140 अंकों में संगम नगरी को मिले 125, पिछली बार मिले थे 109 नंबर
-4112 शिकायतों में से 2669 के निस्तारण में मिले संतोषजनक फीडबैक
-17980 संदर्भ प्राप्त किए गए प्रयागराज जिले के पिछले छह माह के दौरान
इसके बाद शासन स्तर से कुल शिकायतों में 1034 की मार्किंग की गई। डिफाल्टर संदर्भ कम होने पर 20 में 19 अंक प्रयागराज जिले को मिले। संतोषजनक फीडबैक में भी 20 में से 19 अंक जनपद को प्राप्त हुए। सी श्रेणी के एक भी संदर्भ न होने पर 20 में से 20 अंक मिले थे। उच्चाधिकारियों द्वारा अधीनस्थों के रैंडम जांच का लक्ष्य 30 संदर्भ थे, जिसमें 50 संदर्भ देखे गए, जिसमें भी 10 में से 10 प्राप्त हुए। इसका प्रतिशत 166.7 हो गया।
डिफाल्टर आख्या का प्रतिशत शून्य होने पर 10 में 10 अंक मिले। डीएम व पुलिस आयुक्त कार्यालय में संदर्भों की फीडिंग की स्थिति में भी पूरे 10 अंक मिले। ऐसे 2355 संदर्भों की फीडिंग की गई, जिसका प्रतिशत 123 प्रतिशत रहा। संदर्भों के भौतिक सत्यापन में 10 में से पांच अंक मिले। कुल 40 संदर्भ सत्यापित किए गए थे।
ओवरआल आफिसर्स फील्ड विजिट में 10 में सात अंक मिले। कुल 4112 में से 3400 से संपर्क किया गया, जबकि 712 से संपर्क नहीं किया जा सका। एडीएम सिटी सत्यम कुमार मिश्र ने बताया कि सामूहिक प्रयास से जिले की रैंकिंग में सुधार हुआ है। इस माह और बेहतर प्रदर्शन किया जाएगा।
तहसीलों की रैकिंग में जिले में करछना तहसील नंबर एक पर है। करछना को 100 में पूरे 100 अंक मिले हैं। वहीं कोरांव ने 95 अंक पाकर 100वां स्थान प्राप्त किया। सदर तहसील 92 अंक पाकर 134वें, बारा 90 अंक प्राप्त कर 156वें, सोरांव 88 अंक पाकर 176वें, हंडिया 83 अंक पाकर 212, फूलपुर 79 अंक पाकर 242वें तथा मेजा 66 अंक पाकर 328वें स्थान पर प्रदेश भर में रहा। करछना में एक भी डिफाल्ट संदर्भ नहीं थे, जिसमें इस तहसील को पूरे 20 अंक मिले। वहं 39 में सिर्फ एक संदर्भ में असंतोषजनक फीडबैक मिला जबकि 38 में सभी शिकायतकर्ता संतुष्ट रहे। संतोषजनक फीडबैक का प्रतिशत पूरे प्रदेश में इस तहसील का सबसे ज्यादा 97.77 फीसद रहा।
इस संबंध में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कहना है कि नई रणनीति के तहत सभी संदर्भों की निगरान कराने के साथ उच्च गुणवत्ता पर शिकायतों के निस्तारण के पूरे प्रयास किए गए। जिसका सकारात्मक परिणाम आया। अब और भी अच्छे प्रदर्शन की कोशिश कराई जाएगी।
