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एसटीएफ का फर्जी नोटिस भेजकर 15 लाख की वसूली

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प्रयागराज में घर में घुसकर महिला को एनकाउंटर के लिए धमकाया

प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के बमरौली में फर्जी एसटीएफ नोटिस भेजकर 15 लाख रुपये की अवैध वसूली का मामला सामने आया है। आरोप है कि घर में घुसकर पीड़ित को घायल करने और मोबाइल कब्जे में लेकर एसटीएफ के नाम से एनकाउंटर करने की भी धमकी दी गई। पीड़ित मो. मिया उर्फ शेरू ने थाने में सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट में गुहार लगाई और अब कोर्ट के आदेश पर इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है।

शिकायत में विपक्षी महिला लूसी सिद्दीकी तथा उसके पति जफर नईम पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पीड़ित ने बताया कि 19 जून को उसके मोबाइल नंबर पर अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप पर एक नोटिस भेजा गया, जिसमें उसे, सुफियान अहमद और अलकमा बानो को एसटीएफ द्वारा मुलजिम बताया गया था। यह संदेश देखकर प्रार्थी घबरा गया। जांच की कोशिश के दौरान उसकी रिश्तेदार लूसी सिद्दीकी ने उसे अपने घर बुलाकर समझाने के नाम पर गुमराह किया और डराकर घर में रोक लिया।

लूसी सिद्दीकी और उसके पति जफर नईम ने प्रार्थी व रिश्तेदारों को यह कहकर किसी से बातचीत करने से रोका कि ज्यादा हिलने-डुलने पर उन्हें अतीक के साथी बताते हुए एसटीएफ द्वारा एनकाउंटर करा दिया जाएगा और घर भी गिरवा दिया जाएगा। इससे प्रार्थी और उसका पूरा परिवार दहशत में आ गया।

विपक्षी दंपती ने नाम नोटिस से हटवाने के बदले 25 लाख रुपये की मांग की। डर से प्रार्थी और उसके रिश्तेदारों ने जगह-जगह से पैसे का इंतजाम किया।मौमूना बेगम ने दो लाख, लुकमान अहमद ने तीन लाख (चेक से), निक्केउद्दीन ने दो लाख, शाहजहां ने दो लाख (खाता से), शबनम ने एक लाख दिए। पहले दस लाख दिए गए, बाद में पांच लाख और जुटाकर कुल 15 लाख रुपये विपक्षियों को दे दिए गए।

राशि लेने के बाद विपक्षियों ने कहा कि अब नाम नोटिस से कट जाएगा। उन्होंने प्रार्थी का मोबाइल छीनकर अपने पास रख लिया यह कहते हुए कि एसटीएफ को मोबाइल की जरूरत होगी। इसके बाद लूसी सिद्दीकी उसे एसटीएफ ऑफिस ले गई और किसी व्यक्ति से मिलवाया जिसे वह एसटीएफ का बड़ा अधिकारी बताती थी।

जब उसकी पत्नी ने स्वयं एसटीएफ के बड़े अधिकारी से मिलने की बात कही तो 26 जून की रात करीब 8रू10 बजे तीन नकाबपोश व्यक्ति घर में घुस आए। उन्होंने उसकी पत्नी को लात मारकर गिरा दिया जिससे उसके हाथ-पांव में गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने चेतावनी दी कि “15 लाख भूल जाओ और लूसी का नाम मत लेना, वरना पूरे परिवार को फर्जी केस में फंसाकर जेल भेज देंगे।”

पीड़िता ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर घटना की जानकारी दी। इसके बाद पीड़ित ने थाना पूरामुफ्ती, पुलिस आयुक्त प्रयागराज, मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायतें दीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ित के मुताबिक लूसी सिद्दीकी और जफर नईम राजनीतिक पकड़ और प्रभाव का हवाला देकर इस तरह का फर्जीवाड़ा पहले भी कई लोगों के साथ कर चुके हैं। फर्जी नोटिस बनवाकर दहशत फैलाना और वसूली करना उनकी पुरानी आदत बताई गई है।

लगातार कार्रवाई न होने पर उसने न्यायालय की शरण ली। अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकार कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद थाना पूरामुफ्ती पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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