मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। भागवत कथा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य के गहन तत्वों को सहज और सरल तरीके से प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती है, जिससे श्रोताओं के हृदय में भगवान के प्रति प्रीति जागृत होती है। उक्त बातें अयोध्या धाम से पधारे परम पूजनीय जगद्गुरू स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज ने सोमवार को मेजा तहसील क्षेत्र के उरूवा विकास खंड अंतर्गत दुर्गावती इण्टरनेशनल स्कूल एण्ड कालेज गोशौरा कलां-मेजारोड में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के प्रथम दिवस सोमवार को कथा यजमान पंडित इंद्रमणि मिश्र एवं श्रीमती दुर्गावती मिश्रा सहित उपस्थित भारी संख्या में श्रोताओं को कथा सुनाते हुए कहा कि कथा का मूल उद्देश्य श्रोताओं में भगवान के प्रति अनन्य प्रीति और भक्ति का संचार करना है।
कथा सुनने की वास्तविक योग्यता भगवान के चरणों में प्रीति होना है। श्रीमद्भागवत पुराण की शुरुआत ब्रह्मा जी द्वारा नारद जी को कथा सुनाने से हुई थी। इस अध्याय में, ब्रह्मा जी बताते हैं कि पुराण के श्रवण से क्या फल प्राप्त होता है, और साथ ही, यह वर्णन किया गया है कि कंस के अत्याचारों के कारण देवता गण ब्रह्मा जी से गुहार लगाते हैं, और ब्रह्मा जी बताते हैं कि भगवान कृष्ण का अवतार होगा।
उक्त अवसर पर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तुलसीदास तिवारी, पूर्व शिक्षक विधायक सुरेश त्रिपाठी, पूर्व ब्लाक प्रमुख मेजा मुन्नन शुक्ला, दिलावर सिंह, विहिप जिलाध्यक्ष नित्यानंद उपाध्याय, वरिष्ठ भाजपा नेता उमाशंकर तिवारी ‘गांधी’ आयोजक एडवोकेट सुशील कुमार मिश्र व डॉ. श्रीमती स्वतंत्र मिश्रा, पुष्कर तिवारी, मुकेश शुक्ला, रोहित पांडेय, लवकुश तिवारी, किशन तिवारी सहित अन्य श्रोतागण उपस्थित रहे।
