लखनऊ (राजेश सिंह)। बाराबंकी के एसपी अनुराग वत्स लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। उनके स्थान पर नए एसपी की तलाश की जा रही है। सूत्रों का कहना है बाराबंकी के एसपी के पद के लिए दो बार कवायद की गई लेकिन जिन नामों को रखा गया उस पर शीर्ष स्तर पर सहमति नहीं बन पाई। सूत्रों का कहना है कि अनुराग वत्स निजी कारणों से बीते लगभग दस दिनों से छुट्टी पर हैं। जिसके बाद वहां के लिए नए एसपी की तलाश की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि बाराबंकी के एसपी के लिए हाल ही में हुए तबादलों में प्रतीक्षा सूची में भेजे गए एक अफसर के साथ साथ जनवरी 2020 में तत्कालीन एसएसपी नोएडा के लेटर बम का शिकार हुए एक अफसर भी इस रेस में बताए जा रहे हैं। इसके अलावा रुहेलखंड के एक महत्वपूर्ण जिले में कप्तानी कर चुके अफसर के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इन नामों पर शीर्ष स्तर पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिसकी वजह से बाराबंकी में नए कप्तान की तैनाती नहीं हो पा रही है।
इन जिलों को नए एसएसपी का इंतजार
इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक जिले ऐसे और हैं जिन्हें नए पुलिस कप्तान का इंतजार है। इन जिलों के अफसर पांच महीने पहले ही प्रमोशन पा कर डीआईजी बन चुके हैं। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह, आगरा के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, सीतापुर के एसपी आरपी सिंह, सुल्तानपुर के एसपी विपिन मिश्रा, सोनभद्र के एसपी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, मिर्जापुर के एसपी अजय कुमार सिंह, वाराणसी ग्रामीण के एसपी अमित वर्मा और देवरिया के एसपी श्रीपति मिश्रा का प्रमोशन हो चुका है। यह सभी एसएसपी से डीआईजी बन चुके हैं। इन जिलों में नए कप्तान की तैनाती तय है। सूत्रों का कहना है छोटे जिलों में अच्छा काम करने वाले युवा कप्तानों को इन जिलों की कमान सौंपी जाएगी। जबकि 2017 बैच के आईपीएस अफसरों को जिलों की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उधर, गाजियाबाद में अब तक स्थाई पुलिस कप्तान की तैनाती नहीं हो सकी है। 31 मार्च को यहां के एसएसपी पवन कुमार को निलंबित कर दिया गया था, उसके बाद यहां मुनिराज जी को कार्यवाहक पुलिस कप्तान बनाकर भेजा गया था, उसके बाद से अब तक गाजियाबाद के एसएसपी के पद पर स्थाई तैनाती नहीं की गई है।