मेजा,प्रयागराज।(हरिश्चंद्र त्रिपाठी)
यूपी में 2.0 योगी सरकार में अवैध और अनैतिक कार्यों के खिलाफ एक के बाद एक सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।जहां माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर गरज रहा है।वहीं अपात्र राशन कार्ड धारकों को सरकार ने निशाने पर लिया है। सरकार ने एडवाइजरी जारी की है कि जिसके पास चार पहिया वाहन, 100 वर्गगज जमीन, शस्त्र लाइसेंस, पेंशनर, सरकारी नौकरी, आयकर जमा कर रहे समेत अन्य श्रेणी में आने वाले व्यक्ति का यदि राशन कार्ड बना है तो वह गलत है। सत्यापन के दौरान राशन कार्ड अपात्र पाए जाने पर राशन रिकवरी के अलावा एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है,जिसके बाद राशन कार्ड धारकों में भी अफरा तफरी का माहौल बना है। अब सवाल यह उठता है कि कार्ड धारक स्वयं अपने राशन कार्ड को सरेंडर नहीं कर रहे हैं, ऐसे में जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की बनती है कि वह सत्यापन करा कर अपात्र उपभोक्ताओं के राशन कार्ड को निरस्त कर दें इससे न तो राशन कार्ड धारकों में अफरा तफरी का माहौल बनेगा और ना ही उन्हें चेतावनी देने की जरूरत ही पड़ेगी। कई उपभोक्ताओं ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी राशन कार्ड धारक है सभी को मुफ्त में राशन मिल रहा है। तो ऐसे में सारे के सारे लोग ही अपात्र की श्रेणी में आएंगे जो सरकार द्वारा पात्र की श्रेणी में मानक के रूप में रखा गया है इसमें कई मामलों में दिक्कतें आ सकती हैं जैसे किसी के पास चार पहिया वाहन है तो वह किसी तरह चार पहिया वाहन ले करके अपनी रोजी रोटी कमा रहा है तो उसको भी अपात्र की श्रेणी में रखा गया है। यह उनके हिसाब से अन्याय हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे बहुत कम ही लोग होंगे जिनके पास जमीन ना हो तो फिर सभी को राशन दिया जा रहा है।उनका कहना है कि उस समय विभागीय अधिकारियों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि इतने सारे लोग पात्र कैसे हो सकते हैं।उसी समय राशन कार्ड का सत्यापन कराकर मुफ्त में दिए जा रहे राशन को रोका जा सकता था। कई उपभोक्ताओं ने यह भी कहा कि जब तक सरकार नहीं बनी थी सारी सुविधाएं दी जा रही थी। अब सरकार बनने के बाद व्यवस्था बदल दे रही है। यह आम जनता के साथ अन्याय हो रहा है।