गोरखपुर (राजेश सिंह)। यूपी पुलिस में कार्यरत सीओ विजय नारायण मिश्र, दरोगा दीपक दूबे और सिपाही कृष्णकांत फरार हो चुके हैं। विभाग को ये तीनों पुलिसकर्मी खोजे नहीं मिल रहे हैं। कोर्ट पिछले सात वर्षों से इनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर रहा है। छह साल पहले कोर्ट, इन पुलिसकर्मियों को फरार घोषित कर चुका है और इनकी कुर्की का आदेश भी जारी हो चुका है, लेकिन अभी तक तीनों को पुलिस खोज नहीं पाई है। अब मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अभियुक्तों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करते हुए सात सितंबर को उपस्थित करने को एसएसपी को पत्र लिखा है। जानकारी के मुताबिक, गोला थाना क्षेत्र के मेहणा गांव निवासी अमित कुमार शुक्ला पेशे से अधिवक्ता हैं। जमीन के एक मामले में उनके मुवक्किल को 26 दिसंबर 2012 को थाना बड़हलगंज की पुलिस थाने पर बुलाई। जमीन के मुकदमे में सुलह कर लेने के लिए दबाव बनाने लगे। एसओ ने वादी के क्लाइंट से वकील को भी बुलाने को कहा। वादी अधिवक्ता जब थाने पर पहुंचे तो वहां एसओ और सीओ मौजूद थे। उन्होंने अमित कुमार शुक्ला एडवोकेट से कहा कि अपने क्लाइंट विनोद कुमार से 50 हजार रुपये दिला दीजिए, हम कब्जा दिला देंगे। इसका अमित कुमार शुक्ला ने विरोध किया और कहा कि घूस नहीं दूंगा। इसी बात पर उक्त तीनों पुलिसकर्मियों ने अमित कुमार शुक्ला को गाली देते हुए मारपीट कर बंद कर दिया और 107/116 में चालान कर दिया। उन्होंने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। न्यायालय ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों के आधार पर उक्त तीनों पुलिस कर्मियों को विचारण के लिए तलब किया, तभी से अभियुक्त हाजिर नहीं हो रहे हैं और फरार चल रहे हैं।