मेजा, प्रयागराज (विमल पाण्डेय)। सोरांव गांव की ऐतिहासिक रामलीला का मंचन मंगलवार रात से मुकुट पूजन के साथ शुरू हुई। कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को समापन तक बांधे रखा।
मेजा तहसील क्षेत्र के सोरांव गांव की सबसे पुरानी रामलीला में से एक का मंचन मंगलवार रात से गांव के पुराने स्थान पर ग्राम प्रधान राजेश द्विवेदी के आवास पर प्रारंभ हुई।
रामलीला के प्रथम दिन मुकुट पूजन नारद मोह प्रसंग का मंचन हुआ। दर्शक देर रात लीला का आनंद लेते रहे। इसके पहले रामलीला का शुभारंभ करते हुए रामलीला कमेटी के अध्यक्ष/ग्राम प्रधान राजेश द्विवेदी ने कहा कि रामलीला हमारी सांस्कृतिक विरासत है। इसको हमें अगली पीढ़ियों के लिये संरक्षित करना होगा। आगे कहा कि रामलीला हमें जीवन के प्रति अनेकों सीख तो देती ही है साथ ही यह अभिनय की पाठशाला भी है।
‘मुसाफिर जाग हुआ है भोर..’ व्यास पीठ संचालन श्यामू शुक्ल ने किया। मौके पर रमेश ओझा, बाबा ओझा, रामभवन दुबे, मोहन बाबू शुक्ल, उमाशंकर द्विवेदी, पंकज द्विवेदी, रिंकू ओझा, रक्षित दुबे, विजय शंकर दुबे, रामसागर दुबे, रामआसरे दुबे, टुनटुन द्विवेदी, अवधेश द्विवेदी, अखिलेश द्विवेदी, सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।