प्रयागराज (मंगला प्रसाद तिवारी)। साधन सहकारी समिति गोइसरा में खाद आपूर्ति की किल्लत बनी रहती है। जिसका नाजायज फायदा खाद विक्रेता उठाते हैं।
बता दें कि लालापुर तरहार क्षेत्र में कहने को तो दो-दो साधन सहकारी समितियां हैं, पर किसानों के हित में इन दिनों एक भी नहीं है। एक साधन सहकारी समिति गोइसरा में है और दूसरी चिल्ला गौहानी में है। गोइसरा साधन सहकारी समिति दो साल पहले अच्छे ढंग से चल रही थी। खाद बीज, ज़िंक, सल्फर, सब कुछ मिलता था। डेढ़ साल से इसकी भी दशा बिगड़ गई। इस समय क्षेत्र के किसानों को प्राइवेट खाद विक्रेताओं से मंहगे दामों में यूरिया, डीएपी खरीदने की मजबूरी हो गई है। 266 रुपए की यूरिया खाद तीन सौ सत्तर रुपए में खरीदना पड़ रहा है। साथ में एक किलो ज़िंक का पैकेज लेना अनिवार्य है। वो भी घटिया किस्म की। वही हाल है मरता क्या न करता। खुलेआम खाद विक्रेताओं द्वारा मनमाने दाम पर खाद बेची जा रही है। आखिर किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। मुशीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। सरकार के विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से खाद की किल्लत बनी हुई है। क्षेत्र के किसानों ने खाद विक्रेताओं की मनमानी पर अंकुश लगाए जाने की मांग की है। साथ ही साधन सहकारी समिति गोइसरा में हमेशा खाद आपूर्ति की व्यवस्था की मांग की है।