नैनी, प्रयागराज (अखिलेश शुक्ला)। क्षेत्र के छोटा चाका दुर्गा मैरिज हाल मे चल रहे रामलीला के छठे दिन रामलीला के शुरूआत मे पहले आरती व पूजन हुआ। उसके पश्चात श्रीराम रामलीला मे भष्मासुर नाटक, लंका दहन का आयोजन किया गया।
सीता जी अशोक वाटिका में अत्यधिक दुख की स्थिति में आकाश में चमकते तारों को देखती हैं और सोचती हैं कि यदि एक भी तारा पृथ्वी पर आ जाता तो मैं उससे अग्नि लेकर अपनी स्वयं की चिता बना अपने को समाप्त कर लेती। हनुमान जी, जो कि वही पत्तों के बीच में छुपे हुए हैं, उनके समक्ष प्रकट हो जाते हैं और उन्हें भगवान राम का संदेश सुना कर तथा उन्हें भगवान राम के पराक्रम की याद दिला कर उनका दुख हर लेते हैं। माता सीता उन्हें अजर, अमर, गुणानिधि और श्री राम का अतिशय प्रिय होने का वरदान देती हैं। रामलीला के अगले भाग में हनुमान जी द्वारा अशोक वाटिका में फल खाना, हनुमान जी एवं मेघनाथ का रोमांचक युद्ध, रावण-दरबार, रावण -हनुमान संवाद की लीला का मंचन हुआ।अंत मे जब हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी जाती है तो वह रावण की सोने की लंका को जलाकर खाक कर देते हैं। लंका- दहन की लीला को देखकर दर्शक आनंदित हो कर पवनसुत हनुमान की जय, बजरंग बली की जय के जयकारे लगाने लगते हैं।
इस मौके पर वैभव मिश्रा, राघू तिवारी, गंगाधर गुप्ता, श्रीनिवास द्विवेदी, धर्मेंद यादव, लवकुश कुशवाहा, दिलीप कुशवाहा आदि लोग मौजूद रहे।