मांडा, प्रयागराज (शशिभूषण द्विवेदी)। एहि तन सतिहिं भेंट अब नाहीं के बाद शिव पार्वती विवाह से रामकथा का श्रवण समूचे रामचरितमानस को सुंदर, सहज और रमणीय बनाता है ।
मांडा खास काली माँ चौराहे के मंडी में द्विवेदी गार्डन में नौ दिवसीय रामकथा के पहले दिन उक्त विचार कथावाचक अक्षय नंद जी महाराज ने व्यक्त किया। संगीतमयी राम कथा सुनने के भक्तों की भीड़ रही ।इस नौ दिवसीय रामकथा का समापन छ नवंबर को होगा। कथाक्रम में सती आत्म दाह एवं शिव पार्वती विवाह का प्रसंग बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया गया। कथा वक्ता पंडित अक्षयनंद महाराज प्रयागराज के अलावा महंत कालिका प्रसाद उपाध्याय, कथा व्यास पंडित जय नंदन, अध्यक्ष पंडित अरविंदाचार्य ने कथा का संचालक किया ।