प्रयागराज (राजेश सिंह)। बहरिया के सराय अजीज गांव में पुलिस को देखकर संजय नाम के युवक के छत से कूदने के मामले में दरोगा अजीत मौर्या को लाइन हाजिर कर दिया गया। एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव बृहस्पतिवार गांव पहुंचे। एसीपी ने परिजनों के बयान दर्ज किए और गांव के लोगों से घंटों पूछताछ की। संजय की मां ने कहा कि दरोगा ने बेटे की जिंदगी बर्बाद कर दी। उसे अपाहिज बना दिया। दबिश के दौरान पुलिस के डर से छत से कूदने पर जख्मी संजय भारती का भी सहसों स्थित अस्पताल जाकर बयान लेकर हस्ताक्षर करवाए।
एसीपी की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों ने दरोगा अजीत मौर्या को लाइन हाजिर कर दिया। अजीत के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है। एसीपी ने बताया कि कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। इसमें भूमि विवाद में पुलिस को दबिश देने की क्या आवश्यकता थी। पीड़ितों के खिलाफ थाने में क्या कोई मुकदमा दर्ज है। हल्का दरोगा ने 20 हजार का लेनदेन किसके माध्यम से किया और दस हजार की डिमांड क्यों की जा रही थी।
थाने की सरकारी जीप का प्रयोग किसके अनुमति से की गई। जीडी में रवानगी दर्ज है या नहीं आदि तमाम बिंदु शामिल हैं। संजय के घर वाले दरोगा अजीत मौर्या से बेहद खफा थे। उनका कहना था कि दरोगा ने रिश्वत के चक्कर में संजय को उसने अपाहिज बना दिया। अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे।
गौरतलब है कि सराय अजीज उर्फ महपूरा निवासी लल्लू भारतीय का आरोप है कि वह अपनी भूमिधरी में पारिवारिक बंटवारे के हिस्से पर अपना मकान बनवा रहा था। परिवार के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत थाना बहरिया में की। जिस पर हल्का दरोगा ने थाने बुलवाया और एक ग्राम प्रधान के माध्यम से डरा धमका कर 20 हजार ले लिए। सोमवार को हल्का दरोगा ने लल्लू भारतीय के बेटे संजय भारतीय और रंजीत भारतीय को थाने बुलाया और उनसे 10 हजार की और डिमांड की।
आरोप है कि इन लोगों ने जब पैसा देने में असमर्थता जताई तो रात करीब 12 बजे हल्का दरोगा सिपाहियों के साथ उसके घर पहुंचे और दरवाजा और खिड़की पीटने लगे। इससे बच्चे और महिलाएं डर के मारे चीखने लगे। डर के मारे संजय भारतीय छत से नीचे कूद गया। इसके पैर में फ्रैक्चर हो गया। रात में ही 108 एंबुलेंस बुलाकर उसको सीएचएसी फूलपुर ले जाया गया।
जहां से सहसों स्थित एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया है। लल्लू भारतीय ने बहरिया पुलिस और हल्का दरोगा की मंगलवार को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त से शिकायत की। पहले पुलिस महकमा मामले को झूठा बताकर दबाने का प्रयास किया, लेकिन मामला तूल पकड़ने लगा तो बुधवार को जांच के लिए एसीपी थरवई जंग बहादुर यादव पहुंचे।
पुलिस ने देर शाम तो दरोगा को लाइन हाजिर कर मामले को दबाने की कोशिश की। दरअसल 10 हजार की घूस न मिलने पर रात में घर में दबिश देने के मामले को तूल पकड़ता देख अफसरों ने न सिर्फ दरोगा की बल्कि अपनी भी गर्दन बचाई है। गांव वालों और घर वालों का साफ कहना है कि लाइन हाजिर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं है। दरोगा के खिलाफ कम से कम सस्पेंशन की कार्रवाई होनी चाहिए। जिस तरह से प्रयागराज पुलिस के ट्विटर हैंडल ने इस मामले को बयान जारी कर दिया था, उस पर भी सवाल खड़े हैं। ट्विटर पर संजय के घर वालों के आरोपों को बिना जांच के ही झूठा करार दे दिया गया था।