प्रयागराज (राजेश सिंह)। प्रयागराज के सनसनीखेज उमेश पाल हत्याकांड में फरार शूटर साबिर को पुलिस खोज रही है। इस बीच गुरुवार को साबिर के भाई जाकिर की लाश मिलने से हड़कंप मच गया। लाश देखने से लग रहा है कि जाकिर की बेरहमी से हत्या की गई है। जाकिर को किसने और क्यों मारा यह सवाल अब पुलिस को खोजना होगा। प्रयागराज के पड़ोसी जिले कौशांबी के मरियाडीह में जाकिर की लाश मिलने की जानकारी होते ही एसटीएफ भी पहुंची और डेरा डाल दिया है।
प्रयागराज में उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनर की हत्या के बाद अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की पुलिस ने धरपकड तेज कर दी है। इस मामले में गरियाडीह गांव के साबिर की भी पुलिस खोजबीन कर रही है। साबिर का भाई जाकिर भी वारदात के बाद से लापता था।
गुरुवार को जाकिर की लाश कोखराज के महमदपुर गांव के सामने कछार में मिली। जानवर उसके शव को नोंच रहे थे। जाकिर के शव की पहचान होने के बाद पुलिस की टीमें पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया। जाफिर के शव पर चोट के निशान मिले हाथ कई जगह से कटा था। जाकर गंगा कछार पहुंचा कैसे यही सवाल अब पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जाकिर का शव मिलते ही एसटीएफ के अलावा प्रयागराज पुलिस की कई टीमों ने कोखराज में डेरा डाल दिया है।
माफिया अतीक अहमद की गैंग की कोखराज के रूपनारायणपुर सैलाबी गांव में पूरी पैठ है। इस गांव के लोग अतीक व उनकी गैंग से सीधे जुड़े हैं। एक नहीं कई घटनाओं में इनका नाम सामने आ चुका है। जाकिर की लाश मिलने के बाद सैलाब गांव के कई संदिग्धों पर पुलिस की निगाह टेढ़ी हो गई है। महमदपुर और सैलाबी गाव की दूरी में बहुत फासला नहीं है। यही कारण है कि लोग इस घटना में सैलानी गान के लोगों की भूमिका पर शक जाहिर कर रहे हैं।
मारवाडीह से आए जाकिर के दादा शमसुद्दीन ने शव की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने पूछताछ की तो वह यहीं कहकर पल्ला झाड़ बैठे कि वह शुगर का मरीज था। इससे तनाव में रहता था। इसके अलावा भी उसको कई बीमारियां थीं। इससे ज्यादा शमसुद्दीन ने कोई जानकारी नहीं दी। दादा के साफ-साफ न बोलने पर पुलिस भी हैरान है।